नई दिल्ली। देश में ‘नागरिकता संशोधन अधिनियम’ (सीएए) के नियम लागू हो गए हैं। केंद्र सरकार ने सोमवार शाम को नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। इसके तहत तीन पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी। इसके लिए पोर्टल भी तैयार कर लिया गया है।
केंद्रीय गृहमंत्रालय ने सीएए के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके तहत तीन पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी। इसके लिए इन लोगों को केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए ऑनलाइन पोर्टल पर अप्लाई करना होगा। दरअसल, CAA को भारतीय संसद में 11 दिसंबर, 2019 को पारित किया गया था जिसमें 125 वोट इसके पक्ष में पड़े थे और 105 वोट इसके खिलाफ थे। राष्ट्रपति द्वारा इस विधेयक को 12 दिसंबर 2019 को मंजूरी भी मिल गई थी। लेकिन इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए। तब यह कानून लागू नहीं हो सका।
क्या करना होगा?
सीएए पोर्टल पर भारत में नागरिकता के लिए ऑनलाइन अप्लाई किया जा सकता है। इसके लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद डॉक्यूमेंट को सब्मिट करना होगा। फिर रजिस्ट्रेशन के बाद सरकारी जांच पड़ताल होगी। अगर आपके सारे दस्तावेज सही पाए जाते हैं, तो आपको भारत की नागरिकत दे दी जाएगी।
क्या है सीएए कानून
सीएए कानून को साल 2019 में बनाया गया था। इसके तहत पड़ोसी मुल्क में रहने वाले अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है। इसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के पीड़ित अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता बिना कोई दस्तावेज दी जाएगी। इसके तहत 6 अल्पसंख्यक यानी हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी भारत की नागरिकता के लिए अप्लाई कर पाएंगे। इसके लिए वही अल्पसंख्या अप्लाई कर पाएंगे, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ गए थे।
इसमें प्रवासियों को वह अवधि साबित करनी होगी कि वे इतने समय में भारत में रह चुके हैं। उन्हें यह भी साबित करना होगा कि वे अपने देशों से धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत आए हैं। वे लोग उन भाषाओं को बोलते हैं, जो संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल हैं। उन्हें नागरिक कानून 1955 की तीसरी सूची की अनिवार्यताओं को भी पूरा करना होगा। इसके बाद ही प्रवासी आवेदन के पात्र होंगे।