अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्रीरामलला के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम सोमवार को पूरा हो गया। पीएम मोदी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूजा अर्चना में शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारे राम आ गए हैं। अब रामलला टेंट में नहीं रहेंगे बल्कि अब वो एक भव्य मंदिर में रहेंगे।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान गर्भगृह में पीएम नरेंद्र मोदी ने रामलला की पूजा-अर्चना की और इसके बाद मूर्ति का अनुष्ठान पूरा किया गया। प्राण प्रतिष्ठा की विधि दोपहर 12:20 बजे से शुरू हुई। इसके बाद पीएम मोदी ने रामलला की आरती की। इस दौरान गर्भगृह में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, संघ प्रमुख मोहन भागवत भी नजर आए। 84 सेकेंड के अद्भुत योग में बीच रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई। प्रधानमंत्री ने भगवान की आरती कर चंवर डुलाया। मुख्य पुजारी सत्येन्द्र दास से कलावा बंधवाया और उनके पैर छुए। इसके बाद उन्होंने श्रीरामलला की परिक्रमा की और साष्टांग प्रणाम किया।
उन्होंने राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के भी पैर छुए। संतों ने उन्हें सोने की अंगूठी भेंट की। मोदी ने मंदिर के गर्भगृह से बाहर आकर अपना 11 दिन का व्रत भी तोड़ा। प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर परिसर में मौजूद साधु-संतों और वीआईपी मेहमानों को संबोधित किया।
पीएम मोदी ने कहा कि रामलला अब टेंट में नहीं, दिव्य मंदिर में रहेंगे। राम मंदिर के निर्माण के बाद से देशवासियों में नया उत्साह पैदा हो रहा था। आज हमें सदियों की धरोहर मिली है, श्रीराम का मंदिर मिला है। 22 जनवरी, 2024 का ये सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है। ये कैलेंडर पर लिखी एक तारीख नहीं, बल्कि ये एक नए कालचक्र का उद्गम है। लोग इसे हजारों साल याद करेंगे।
पीएम ने कहा कि आज गांव-गांव में एक साथ कीर्तन, संकीर्तन हो रहे हैं। आज शाम घर-घर राम ज्योति प्रज्वलित करने की तैयारी है। PM ने कहा- अपने 11 दिन के व्रत-अनुष्ठान के दौरान मैंने उन स्थानों का चरणस्पर्श करने का प्रयास किया, जहां प्रभु राम के चरण पड़े थे। मेरा सौभाग्य है कि इसी पुनीत पवित्र भाव के साथ मुझे सागर से सरयू तक की यात्रा का अवसर मिला। मैं प्रभु राम से क्षमा याचना करता हूं। हमारे त्याग, तपस्या, पूजा में कोई तो कमी रह गई होगी कि इतने साल मंदिर निर्माण का काम नहीं हो पाया। आज ये कमी पूरी हुई। भारत के संविधान की पहली प्रति में राम विराजमान हैं। दशकों तक प्रभु राम के अस्तित्व पर कानूनी लड़ाई चली। मैं न्यायपालिका का शुक्रगुजार हूं कि उसने लाज रख ली।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कई राष्ट्र अपने ही इतिहास में उलझ जाते हैं। जब भी उन्होंने इतिहास की गांठें सुलझाने का प्रयास किया मुश्किल परिस्थितियां बन गईं। हमने जिस गांठ को भावुकता और समझदारी के साथ खोला है, वो बताता है कि भविष्य बहुत सुंदर होने जा रहा है। कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। राम आग नहीं, ऊर्जा हैं। राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं। राम सिर्फ हमारे नहीं, सबके हैं। राम वर्तमान नहीं, अनंत काल हैं। ये मंदिर महज देव मंदिर नहीं, भारत की दृष्टि-दर्शन का मंदिर है। राम भारत का विचार-विधान है। राम भारत का चिंतन, चेतना, प्रवाह, प्रभाव, नेति, निरंतरता है। राम विश्व हैं, विश्वात्मा हैं। इसलिए जब राम की स्थापना होती है तो उसका प्रभाव हजारों वर्षों के लिए होता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऋषियों ने कहा है कि जिसमें रम जाएं, उसी में राम है। हर युग में लोगों ने राम को जिया है। हर युग में लोगों ने अपने-अपने शब्दों, अपनी-अपनी तरह राम को व्यक्त किया है। ये राम रस निरंतर बहता रहता है। आज के इस ऐतिहासिक समय में देश उन व्यक्तित्वों को भी याद कर रहा है, जिनकी वजह से शुभ दिन देख रहे हैं। हम कारसेवकों, संत-महात्माओं के ऋणी हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाशक्ति चांद पर तिरंगा फहरा रही है तो 15 लाख किमी दूर अंतरिक्ष में यान पहुंचा रही है। आने वाला समय अब सफलता का है। आने वाला समय सिद्धि का है। ये राम मंदिर भारत के उत्कर्ष-उदय का साक्षी बनेगा। मंदिर सिखाता है कि लक्ष्य प्रमाणित हो तो उसे हासिल किया जा सकता है। शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद हम यहां पहुंचे हैं। अब हम रुकेंगे नहीं।
मंदिर निर्माण के श्रमिकों से मिले पीएम मोदी
प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी राम मंदिर के निर्माण में सहायक श्रमिकों से मिले और उन पर पुष्प बरसाए। उन्होंने इस दौरान सियावरराम चंद्र की जय का उद्घोष किया। उन्होंने श्रमिकों का बार-बार आभार जताया और राम मंदिर के निर्माण के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।