कन्नौज। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद सुब्रत पाठक ने देश में धार्मिक जनगणना कराने की मांग की है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है। सुब्रत पाठक का कहना है कि आजादी के बाद हिंदुओं की जनसंख्या घटी है जबकि मुस्लिमों की आबादी बेतहाशा बढ़ी है।
बीजेपी सांसद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मुस्लिमों के अल्पसंख्यक दर्जे पर भी सवाल उठाया है। सुब्रत पाठक ने कहा, “देश के कुछ राजनीतिक दल नहीं चाहते कि देश का ध्यान इस सच्चाई की ओर जाए कि आजादी के समय हिंदुओं की जनसंख्या जो लगभग 93 प्रतिशत थी। जो आज तेजी से कम होती जा रही है। वहीं दल देश विरोधियों और कट्टर पंथियों के दबाव में जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं।”
समाप्त हो अल्पसंख्यक दर्जा
सांसद ने कहा, “मैं आपसे मांग कर रहा हूं कि जाति जनगणना से पहले धार्मिक जनसंख्या की गणना हो ताकि पता चल सके कि देश भर के कुल अल्पसंख्यक समाज में मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और पारसियों आदि की संख्या कितनी है। पिछले 75 साल में इनकी वृद्धि का अनुपात क्या है। साथ ही धार्मिक जनगणना के बाद यदि मुस्लिमों की जनसंख्या अधिक पाई जाए तो उनका अल्प संख्यक दर्जा भी समाप्त किया जाए।”
सुब्रत पाठक चिट्ठी में आगे लिखते हैं कि विदेशी फंड का इस्तेमाल कर देश में बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन भी कराया गया है। जिसके उदाहरण लव जेहाद, गेम जेहाद जैसी साजिश पर समय समय पर सामनी आती रहती है। इसी का परिणाम है कि देश के कश्मीर, केरल, असम और बंगाल जैसे कई राज्यों में मुस्लिमों की आबादी बेतहाशा बढ़ी है और वर्तमान में देश के 200 से अधिक जिले मुस्लिम बाहुल्य हो चुके हैं। ऐसी बातें सामने आ चुकी हैं कि इस दौरान पड़ोसी देशों से भारी तादाद में अवैध रूप से रोहिंग्या, बांग्लादेश और पाकिस्तानी मुस्लिों की साजिशन घुसपैठ देश की धार्मिक जनसांख्यिकी को प्रभावित करने की साजिश के साथ कराई गई और वोट बैंक के लालच में इनके वोट और आधार कार्ड बनवाए गए।