लखीमपुर खीरी। यूपी के लखीमपुर खीरी जिले के निघासना थाना क्षेत्र में पिछले साल सितंबर में दो दलित लड़कियों से रेप के बाद उनकी हत्या के मामले में एडीजे कोर्ट ने शुक्रवार को चार आरोपियों पर दोष सिद्ध कर दिया है। चारों आरोपियों को कोर्ट 14 अगस्त को सजा सुनाएगी। इस दोहरे हत्याकांड में एसआईटी ने जांच की थी।
निघासन थाना इलाके के एक गांव में 14 सिंतबर 2022 को अनुसूचित जाति की दो सगी बहनों के शव पेड़ से लटके मिले। उनकी मां ने आरोप लगाया था कि उनके सामने ही एक पड़ोसी और तीन अन्य युवक दोनों बेटियों को अगवा कर ले गए थे। इसके बाद उनके साथ दुष्कर्म किया गया। वारदात को छिपाने के लिए दोनों की हत्या कर दी गई। इसके बाद शवों को पेड़ पर लटका दिया गया था।
घटना से आक्रोशित परिजनों ने जमकर धरना प्रदर्शन किया। मामले ने तूल पकड़ा। इसके बाद छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। तीन डॉक्टरों के पैनल ने दोनों लड़कियों के शवों का पोस्टमॉर्टम किया था। इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गैंगरेप की पुष्टि की गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक दोनों की हत्या गला घोंटकर की गई थी। इसके बाद शव लटकाए गए।
सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में छोटू उर्फ सुनील, जुनैद, आरिफ और करीमुद्दीनपुर समेत छह आरोपियों को जेल भेजा गया था। इनमें दो आरोपी नाबालिग थे। दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद अदालत ने छोटू उर्फ सुनील, आरिफ, करीमुद्दीन और जुनैद को दोषी पाया है। सजा के एलान के लिए 14 तारीख नियत की गई है।
विशेष लोक अभियोजक बृजेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि इस मामले में एसआईटी ने छह आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था जिसमें दो आरोपियों को कोर्ट ने किशोर घोषित कर दिया था। किशोर घोषित किये एक आरोपी की आयु 18 वर्ष से कम और दूसरे की 16 वर्ष से ज्यादा थी। इसलिए उसके मामले की सुनवाई अन्य चार आरोपियों के साथ ही पाक्सो कोर्ट में ही हुई जबकि किशोर घोषित किये गए दूसरे आरोपी के मामले को किशोर बोर्ड भेज दिया गया।