सहारनपुर। यूपी एटीएस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। एटीएस ने हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े संदिग्ध आतंकी अहमद रजा उर्फ शाहरुख को गुरुवार को सहारनपुर से गिरफ्तार किया है। अहमद रजा पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान जाकर आतंकी ट्रेनिंग लेना चाहता था। वह भारत में किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने की फिराक में था।
एटीएस के स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि एटीएस को खुफिया सूचना मिली थी कि अहमद रजा सोशल मीडिया के माध्यम से आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन और पाकिस्तान के आतंकी हैंडलर्स के लगातार संपर्क में है। वह पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान जाकर आतंकी कमाण्डो ट्रेनिंग लेने के बाद भारत में आतंकी घटनाएं करने करने का मंसूबा बना रहा है। अहमद मुरादाबाद जिले के मूढ़ा पांडे थाना क्षेत्र स्थित मिलक गुलड़िया का रहने वाला है।
उन्होंने बताया कि इस सूचना पर एटीएस की सहारनपुर फील्ड इकाई ने संदिग्ध अहमद रजा से गुरुवार को विस्तृत पूछताछ की और उसके मोबाइल का प्राथमिक अवलोकन किया। मोबाइल की गैलरी में हथियारों की फोटो, चैट के स्क्रीन शॉट व जिहादी वीडियो मिले और अहमद इस संबंध में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।
इसके बाद एटीएस के लखनऊ थाने में आईपीसी की धारा-121 ए व 123 के अलावा विधि विरुद्ध (निवारण) अधिनियम की धारा-13, 18, 18 बी, 38 व 39 के तहत मुकदमा दर्ज कर पंजीकृत कर अहमद को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके कब्जे से दो मोबाइल फोन, तीन सिम व 1220 रुपये नकद बरामद हुए हैं।
हथियारों की ट्रेनिंग लेने दो कश्मीर गया था अहमद
एटीएस की प्राथमिक पूछताछ में पता चला कि अहमद रज़ा पाकिस्तान व अफगानिस्तान में लड़ रहे विभिन्न जिहादी संगठन के मुजाहिदीनों से प्रभावित है और उनकी जिहादी सोच पर बहुत विश्वास करता है। उसने भारत में काफ़िरों व काफिर सरकार के खिलाफ जिहाद करके जम्हूरियत की सरकार को हटाकर शरिया कानून लाने को अपनी जिंदगी का मकसद बना लिया था। इसके लिए वह हिजबुल मुजाहिदीन पीर पंजाल तंजीम से जुड़े सीनियर मुजाहिद फिरदौस के लगातार संपर्क में था। फिरदौस जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग का रहने वाला है। फिरदौस ने ही उसे हिजबुल मुजाहिद्दीन पीर पंजाल में शामिल होने की बैयत (शपथ) दिलवाई थी।
भारत में जिहाद करने एवं अपनी तंजीम को मजबूत बनाने के लिए अहमद को अपने सीनियर मुजाहिद साथियों से यह हिदायत मिली थी कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को जिहादी बनाकर अपनी तंजीम से जोड़े। अहमद रज़ा इसके लिए लोगों से मिलकर और सोशल मीडिया के जरिए हिजबुल मुजाहिद्दीन में जुड़ने की दावत देता था और लोगों में हिंसात्मक जिहाद भरने के लिए सोशल मीडिया में जिहादी वीडियो पोस्ट करता था। अपने मुजाहिद साथियों फिरदौस व पाकिस्तानी आतंकी हैंडलर के कहने पर अहमद दो बार हथियारों की ट्रेनिंग लेने श्रीनगर व अनंतनाग गया था।
अहसान गाजी की मदद से बद्री कमांडो बनना चाहता था अहमद रजा
यूपी एटीएस की गिरफ्त में आए हिजबुल मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकी अहमद रजा के मंसूबे बेहद खतरनाक हैं। वह जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग के जंगलों में दो बार हथियार चलाने की ट्रेनिंग लेने के बाद बावजूद और घातक हथियारों की ट्रेनिंग हासिल करना चाहता था। उसने जब अपने मंसूबों के बारे में पाकिस्तानी हैंडलर अहसान गाजी को बताया, तो गाजी ने उसे बद्री कमांडो बनने की सलाह दी। इसके बाद अहमद रजा पर अफगानिस्तान जाकर बद्री कमांडो बनने की ट्रेनिंग लेने का जुनून सवार हो गया।
दरअसल, अफगानिस्तान में बद्री कमांडो की यूनिट का खौफ है। हक्कानी नेटवर्क से कमांडो ट्रेनिंग हासिल करने के बाद अमेरिकी अत्याधुनिक हथियारों से लैस बद्री कमांडो की यूनिट दुनिया भर के सारे आतंकी संगठनों में सबसे खतरनाक मानी जाती है। बताया जाता है कि इस यूनिट का नाम 1400 साल पहले बद्र की लड़ाई के नाम पर पड़ा। इस लड़ाई में 313 लोगों ने पूरी एक दुश्मन सेना को शिकस्त दी थी। वहीं, जब अमेरिका अफगानिस्तान छोड़कर गया तो करीब नौ लाख हथियारों, बख्तरबंद वाहनों पर तालिबान लड़ाकों ने कब्जा कर लिया। इनका इस्तेमाल अब बद्री यूनिट करती है। इसमें बुलेटप्रूफ जैकेट, अत्याधुनिक राइफल, नाइट विजन उपकरण, ब्लैक हॉक हैलीकॉप्टर आदि शामिल हैं।