पयागपुर (बहराइच)। तिरंगे के साथ छेड़छाड़ के आरोप में जेल गए आरोपी की जेल में मौत के बाद गुरुवार देर रात शव गांव पहुंचने पर मातम छा गया। वहीं ग्रामीणों में भारी आक्रोश भी देखा गया। इसको लेकर कई थानों की पुलिस भी तैनात रही। शुक्रवार शाम लगभग चार बजे कड़ी सुरक्षा में शव सुपर्दे ए खाक कर दिया गया।
पयागपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत हंसुआपारा निवासी ताहिर अली (52) की बुधवार को जेल में मौत हो गई। जेल अधीक्षक राजेश यादव ने बताया कि बुधवार को ताहिर का बेटा अख्तरुल अन्य परिजनों के साथ उससे मिलने आया था। सुबह मुलाकात के बाद सभी 11:40 बजे चले गए थे। जिसके बाद ताहिर अपनी बैरक में चला गया था। खाना खाने के बाद वह आराम कर रहा था, इसी दौरान वह अचानक बेहोश होकर गिर गया। उसे कारागार चिकित्सालय ले जाया गया, जहां से मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। वहां उसकी मौत हो गई।
इसकी सूचना मिलते ही परिजनों सहित अन्य ग्रामीण स्तब्ध रह गए। गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद जब पुलिस के देखरेख में एंबुलेंस से शव गांव पहुंचा तो परिजन सहित सगे संबंधियों में चीख-पुकार मच गई। शुक्रवार सुबह ताहिर का शव घर के आगे रख विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। साबिर अली ने बताया कि शव के सुपर्दे ए खाक तभी किया जाएगा। जब दोषी लोगों पर कार्रवाई की शुरुआत होगी। इसकी भनक लगते ही प्रशासनिक अफसर अलर्ट हो गए। एएसपी सिटी कुंवर ज्ञानंज्य सिंह, पयागपुर सीओ आनंद राय, कैसरगंज सीओ कमलेश कुमार सिंह भी मौके पर पहुंच गए। पीड़ित परिजनों को अंतिम संस्कार को कहा गया।
मृतक ताहिर अली के बेटे शाबिर अली ने थानाध्यक्ष श्याम देव चौधरी को एक पत्र सौंपते हुऐ जांच कराकर निर्दोष पिता की मौत के जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की। ताहिर के भतीजे साबिर अली व नफीस ने बताया कि उनके चाचा को फर्जी तरीके से फंसाया गया। वीडियो में दिखने वाले लोगों को पुलिस ने छोड़ दिया। जो व्यक्ति गांव में नहीं था, उसकी गवाही पर उनके चाचा को गिरफ्तार कर लिया। थाने पर पुलिस ने उन्हें प्रताड़ित किया। जिसके चलते वह सदमे में थे।
थानाध्यक्ष श्याम देव चौधरी ने जांचोपरांत दोषी के विरुद्ध कार्रवाई का पूरा भरोसा दिलाया तब उपस्थित लोग शव दफनाने पर राजी हुए। इसके बाद जुम्मे की नमाज के बाद मृतक को दफनाया गया।
क्या था मामला?
ताहिर अली पर मोहर्रम जुलूस के दौरान तिरंगे से छेड़छाड़ कर उसमें चांद सितारा बनाने का आरोप था। पुलिस ने राष्ट्र गौरव अपमान अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर उसका 151 में चालान कर दिया था।