वाराणसी। समाजवादी पार्टी को वाराणसी में बड़ा झटका लगा है। 2019 में पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़ने वाली शालिनी यादव ने सपा छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। उन्होंने सोमवार को लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
शालिनी यादव ने 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा की टिकट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ा था, हालांकि पीएम मोदी के आगे उन्हें जीत नहीं मिल सकती थी। 2019 के लोकसभा चुनाव से कुछ दिन पहले ही सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने को लेकर उनके नाम का ऐलान किया था। शालिनी 2017 में वाराणसी से मेयर का चुनाव लड़ चुकी हैं। निकाय चुनाव में महापौर प्रत्याशी के तौर पर उन्हें 113345 वोट मिले थे। वह दूसरे नंबर पर रही थीं।
गाजीपुर की रहने वाली शालिनी यादव की शादी स्व. श्यामलाल यादव के छोटे सुपुत्र अरुण यादव से हुई है। शालिनी यादव पेशे से फैशन डिजाइनर हैं। जानकारी के मुताबिक उन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) से अंग्रेजी में ग्रैजुएट हैं। उनके पास दिल्ली से फैशन डिजाइनिंग में भी डिग्री है। शालिनी यादव के ससुर श्याम लाल यादव कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं। श्याम लाल यादव का कांग्रेस में ही नहीं बल्कि गांधी परिवार से सीधे संबंध थे। 1984 में वाराणसी लोकसभा सीट से सांसद चुए गए थे। इसके बाद राज्यसभा के सदस्य बने और 1988 में राजीव गांधी सरकार में केंद्रीय बने। श्याम लाल यादव राज्यसभा के डिप्टी चैयरमैन भी बने थे।
बीजेपी में शामिल होने के बाद शालिनी यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी में मेहनती कार्यकर्ताओं की बात नहीं सुनी जा रही थी। यही एक मात्र कारण है कि सपा को यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में हार का सामना करना पड़ा। वहीं शालिनी यादव के बीजेपी में शामिल होने पर अखिलेश यादव ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग चले गए 2000 के नोट की तरह।