बरेली। अमरीना से राधिका बनी मुस्लिम युवती ने हिंदू रीति रिवाज से अपने प्रेमी पप्पू कोरी से शादी कर ली। पप्पू कोरी से शादी के बाद अमरीना उर्फ राधिका बेहद खुश हैं उनका कहना है कि अब उन्हें तीन तलाक का डर खत्म हो गया।
बिजनौर के कोतवाली क्षेत्र की मूल निवासी अमरीना और रामपुर के शाहबाद निवासी पप्पू कोरी के बीच मिस्ड काल से परिचय हुआ था। दोनों के बीच फोन पर बात होने लगी। करीब दो वर्ष पहले प्रेम संबंध हुए तो स्वजन ने विरोध शुरू कर दिया। पप्पू के अनुसार, हम दोनों जिंदगी भर साथ रहने का निर्णय ले चुके थे इसलिए घर छोड़ दिया। कुछ परिचितों के माध्यम से उन्हें बरेली के बिहारीपुर में पंडित केके शंखधार के आश्रम के बारे में जानकारी मिली। इसी आधार पर वहां पहुंच गए। बालिग होने के प्रमाण दिखाकर विवाह की इच्छा जताई। इसी आधार पर महंत पंडित केके शंखधार ने विवाह कराया।
21 वर्षीय अमरीना उर्फ राधिका ने मीडिया से बातचीत में बताया, ‘अक्टूबर 2020 में उसके मोबाइल पर एक अनजान युवक का मिस कॉल आया था। जब उसने कॉल बैक किया तो पप्पू कोरी से बात हुई। इस दौरान पप्पू कोरी ने बताया कि गलती से कॉल लग गई थी।’ इसके बाद दोनों के बीच बातचीत का सिलसिला खत्म होने के बजाए शुरू हो गया।
धीरे-धीरे दोनों के बीच दोस्ती हुई और यह दोस्ती प्यार में बदल गई। जिसके बाद दोनों ने शादी करने का फैसला किया। राधिका ने बताया कि उसके आधार कार्ड पर उसके जन्म की तारीख 09 अगस्त 2000 है और वो बालिग है। राधिका की मानें तो हिंदुओं में तीन तलाक नहीं दिया जाता। मुस्लिम समाज में कभी भी तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया जाया है। मीडिया से बात करते हुए राधिका ने अपन पड़ोस का एक वाक्या भी बताया।
राधिका ने बताया कि हमारे पड़ोस के रहने वाले युवती जिसका निकाह पांच साल पहले हुआ था। लेकिन पति ने 3 तलाक देकर घर से निकाल दिया था। राधिका की मानें वह बालिग है और प्यार की खातिर अपना घर, धर्म और परिवार उसने छोड़कर अपने प्रेमी पप्पू कोरी से शादी कर ली। अपने प्रेमी पप्पू कोरी से शादी करने के बाद राधिका काफी खुश हैं। राधिका और पप्पू कोरी ने अगस्त्यमुनि आश्रम के मंदिर में हिंदू रीति रिवाज से शादी की है।