लखनऊ। यूपी में मदरसों में कक्षा एक से आठवीं तक की पढ़ाई करने वाले छात्रों को इस शैक्षणिक सत्र से स्कॉलरशिप नहीं मिलेगी। केंद्र सरकार की ओर से इस बारे में निर्देश जारी कर दिये गए हैं। पिछले वर्ष मदरसों में पढ़ने वाले आठवीं कक्षा तक के लगभग छह लाख छात्रों को छात्रवृत्ति मिली थी।
केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि राइट टू एजुकेशन (आरटीई) के तहत पहली से आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई मुफ्त कर दी गई है। इन मदरसों में मिड-डे मील और किताबें भी मुफ्त हैं। इसके अलावा, छात्रों के लिए अन्य आवश्यक वस्तुएं भी दी जाती हैं। इसलिए छात्रवृत्ति रोक दी गई है। इस कारण वर्ग 8 तक की कक्षाओं में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी। प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप केवल नौवीं और 10वीं के स्टूडेंट्स को मिलेगी।
यूपी के मदरसों में पढ़ाई करने वाले कक्षा पहली से पांचवीं तक के विद्यार्थियों को 1000 रुपये बतौर स्कॉलरशिप दी जाती है। छठी से आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स के लिए छात्रवृत्ति कर राशि अलग-अलग है। सरकार के आदेश का प्रभाव करीब 6 लाख विद्यार्थियों पर पड़ेगा।
यूपी में लागू हुआ सरकारी स्कूलों वाला सिस्टम
प्रदेश सरकार की ओर से चलने वाले स्कूलों में स्कॉलरशिप अभी नहीं मिलती है। पहले परिषदीय स्कूलों में वर्ग 8 तक की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को भी स्कॉलरशिप का लाभ मिलता था। पिछले वर्षों में आरटीई लागू होने के बाद इसे बंद कर दिया गया। अब इसी सिस्टम को मदरसों में भी लागू किया गया है। कक्षा एक से आठवीं तक के छात्रों को बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की तरह ही दोपहर का भोजन, यूनिफॉर्म, किताबें और अन्य सुविधाएं मिलेंगी।