कानपुर। संयुक्त जिला अस्पताल के सीएमएस को लापरवाही भारी पड़ गयी है। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने सीएमएस डॉ. आरपी गुप्ता को निलंबित कर दिया। डिप्टी सीएम ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है।
संयुक्त जिला अस्पताल में आये दिन डॉक्टर लेटलतिफ ओपीडी करने पहुंचते हैं। इस वजह से मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। साथ ही अस्पताल में सर्जरी के नाम पर खानापूर्ति होती है। जिला अस्पताल में निजी अस्पतालों से लेकर मेडिकल स्टोर तक के दलाल पूरी तरह सक्रिय हैं। ओपीडी और इमरजेंसी से मरीज को गुमराह कर दलाल अपने साथ ले जाते हैं। साथ ही कई बार डॉक्टरों ने मरीजों को अस्पताल के बाहर की दवा लिख दी। ऐसे में सीएमएस डॉ. आरपी गुप्ता (राजेंद्र प्रसाद) सिर्फ स्पष्टीकरण तक ही सीमित थे। साथ ही ज्यादातर मामलों में वह डॉक्टरों का बचाव करते थे।
सीएमएस डा. राजेंद्र प्रसाद गुप्ता को करीब पांच माह पहले यहां का चार्ज मिला था। कुछ दिन ड्यूटी के बाद वह अवकाश पर चले गए थे और करीब डेढ़ माह बाद लौटकर आए थे। इस दौरान जिला अस्पताल में डाक्टर हो चाहे कर्मी अपनी मनमानी जारी रखे थे। इन सब मामलों की शिकायत जनप्रतिनिधि लगातार शासन में कर रहे थे। 12 अक्टूबर को डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में सर्जरी न होने को लेकर व डॉक्टरों के जिले में न रुकने पर कड़ी नाराजगी जताई थी।
सोमवार को डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने ट्वीट कर बताया कि प्रशासनिक काम में लापरवाही व पर्यवेक्षणीय दायित्वों में शिथिलता के दृष्टिगत सीएमएस डॉ. राजेंद्र प्रसाद गुप्ता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर परिवार कल्याण निदेशालय में संबद्ध कर दिया गया है। वहीं, अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डॉ. जीके मिश्रा और सीएमओ डॉ. एके सिंह ने बताया कि अभी तक सीएमएस के निंलबन की जारी के संबंध में शासन से कोई पत्र नहीं आया।
सही नेतृत्व न करने पर रुका था दोनों सीएमएस का वेतन
डीएम नेहा जैन ने एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद से जिला महिला व संयुक्त अस्पताल का औचक निरीक्षण कराया तो लगभग डॉक्टर व कर्मचारी नदारद मिले थे। इस पर डीएम ने जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरपी गुप्ता और महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. वंदना सिंह को वेतन रोक दिया था। डीएम द्वारा जारी पत्र में लिखा था कि सही नेतृत्व न करने पर दोनों सीएमएस का वेतन रोक दिया गया।