मुरादाबाद। सहारनपुर-लखनऊ रेल मार्ग पर हाई स्पीड ट्रेन चलाने में बालामऊ रेलवे स्टेशन का यार्ड बाधा बन रहा है। पांच साल बीत जाने के बाद भी रेलवे की निर्माण इकाई यह काम पूरा कर नहीं कर सकी है। यहां आज भी मैनुअल सिस्टम से ट्रेनों का संचालन किया जाता है।
सहारनपुर-लखनऊ रेल मार्ग के बीच बालामऊ स्टेशन है। यहां से ट्रेन लखनऊ, मुरादाबाद, सीतापुर व उन्नाव, कानपुर की ओर जाती है। यहां आज भी ट्रेन संचालन के लिए मैनुअल सिस्टम लगा हुआ है। जिससे ट्रेनों को धीमी गति से चलाया जाता है। उन्नाव मार्ग पर ट्रेन संचालन करने के लिए मुख्य रेल मार्ग को बंद करना पड़ता है।
उत्तर रेलवे मुख्यालय ने वर्ष 2017 में बालामऊ स्टेशन के यार्ड की रेललाइन, सिग्नल, प्वाइंट आदि बदलने की स्वीकृति दी थी। काम बड़ा होने के कारण रेलवे की निर्माण इकाई को यार्ड रिमाडलिंग करने का काम सौंप गया था। कोरोना के समय बजट के अभाव में यह काम नहीं हो पाया था। अब बजट मिल चुका है, लेकिन काम अभी शुरू नहीं किया गया है। यार्ड रिमाडलिंग हो जाने के बाद यहां बाधारहित, सुरक्षित व तेज गति से ट्रेनों को चलाया जा सकता है।
वहीं वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सुधीर सिंह ने बताया कि बालामऊ यार्ड रिमाडलिंग का काम निर्माण इकाई द्वारा किया जाना है। अगले वित्तीय वर्ष में काम पूरा हो जाएगा।
बता दें रेलवे ने देश भर के सभी एक ग्रेड रेल मार्ग पर 160 और बी ग्रेड रेल मार्ग पर 130 किलो मीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेन चलाने की योजना तैयार की है। मुरादाबाद रेल मंडल में सहरानपुर-लखनऊ और मुरादाबाद-गाजियाबाद रेल मार्ग बी ग्रेड रेल मार्ग है। मंडल रेल प्रशासन ने दोनों रेल मार्गों पर पुराने रेललाइन व स्लीपर को बदलने का काम कर लिया है। दोनों मार्ग पर उच्च क्षमता वाली रेललाइन व स्लीपर लगाए गए है। इस मार्ग पर 130 किलो मीटर प्रतिघंटा से चलाया जाना प्रस्तावित है। इस मार्ग के स्टेशनों के ट्रेन संचालन के लिए पुराने सिस्टम को हटाकर आधुनिक सिस्टम लगाया गया है।