लखनऊ। समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल सिंह यादव ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नाम पत्र लिखकर सियासी हलचल बढ़ा दी है। उन्होंने लिखा कि जिस व्यक्ति ने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बारे में अनर्गल बातें कही हो और उन्हें आईएसआई का एजेंट तक बताया हो, उसे राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन देने पर पुनर्विचार करना चाहिए।
यशवंत सिन्हा इस समय विपक्ष के राष्ट्रपति पद के संयुक्त उम्मीदवार हैं और समाजवादी पार्टी ने उन्हें अपना समर्थन दिया है। इसी संदर्भ में अपने लेटर में शिवपाल यादव ने कहा है, ‘… नियति की अजीब विडंबना है कि समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव में उस व्यक्ति का समर्थन किया है जिसने हम सभी के अभिभावक और प्रेरणा व ऊर्जा के स्रोत आदरणीय नेताजी को उनके रक्षा मंत्रित्व काल में पाकिस्तानी गुप्तचर संस्था आईएसआई का एजेंट बताया था।’
शिवपाल ने यह भी कहा है कि बेहद अफसोस हो रहा है कि जो समाजवादी पार्टी मुलायम सिंह यादव के बारे में एक शब्द सुनने को तैयार नहीं थी। वह आज उनके खिलाफ बयान देने वाले को राष्ट्रपति चुनाव का उम्मीदवार बना रही है। शिवपाल सिंह यादव ने यह भी कहा है कि उन्हें अपनी सीमाएं पता हैं। फिर भी पुनर्विचार की मांग करते हैं।
शिवपाल यादव ने इस पर ट्वीट कर कहा कि सपा नेतृत्व के इस फैसले पर मेरी घोर असहमति है। नेताजी के अपमान की शर्त पर कोई फैसला मंजूर नहीं है। शिवपाल ने अपने ट्वीट में यशवंत सिन्हा द्वारा सपा संरक्षक को आईएसआई एजेंट बताए जाने संबंधित खबर की तस्वीर भी साझा की।
जवाब में सपा प्रवक्ता ने कहा जिस बीजेपी का ये बयान था कि नेता जी आईएसआई के एजेंट है उसी के कैंडिडेट को शिवपाल यादव समर्थन दे रहे हैं। शिवपाल यादव नेताजी का समाजवाद भूल गए है। नेता जी ने कल्याण सिंह को माफ किया था। सपा की लड़ाई किसी व्यक्ति से नही, विचारधारा से है। एनडीए उम्मीदवार को समर्थन देने में शिवपाल यादव पुनर्विचार करें।
बात 1997 की है
केशव मौर्य ने जिस खबर के हवाले से यह दावा किया है, वह 15 जनवरी 1997 में एक अंग्रेजी अखबार में छपी थी। तब एच डी देवगौड़ा प्रधानमंत्री हुआ करते थे और मुलायम सिंह यादव रक्षा मंत्री। यशवंत सिन्हा उस समय बीजेपी के कद्दावर नेता थे। इस खबर के मुताबिक, यशवंत सिन्हा ने खुफिया रिपोर्ट के हवाले से आरोप लगाया था कि मुलायम सिंह यादव आईएसआई के एजेंट हैं। यशवंत ने कहा था कि इस संबंध में पीएमओ में एक फाइल भी मौजूद है। उन्होंने तत्कालीन पीएम एच डी देवगौड़ा से इस फाइल को देखने और ऐक्शन लेने की मांग की थी।