बहराइच। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन तहत ब्लॉक मिहींपुरवा में महिला किसान पाठशाला का आयोजन ग्राम मधवापुर में किया गया।
इस मौके पर एडीओ एग्रीकल्चर, निरंकार मिश्रा ने कहा कि खड़ी फसल में दीमक लगने की बहुत समस्या होती है। इसके लिए खेत में कुछ जगह 6 इंच गड्ढा खोदकर उसमें ताजा गोबर डालकर उसका बैबरिया बैसियाना बना लेते हैं। यह एक प्रकार का उर्वरक है लेकिन दीमक के लिए जहर है। गोबर दीमक का पसंदीदा भोजन है इसलिए इसे खाने से उनके मुंह में इंफेक्शन हो जाता है। दीमक का गुण है कि वह मुंह से मुंह से जोड़कर लाइन से चलते हैं। इसे सभी को इंफेक्शन हो जाता है। इसका प्रभाव 1से 2 फीट जमीन के नीचे बैठी रानी दीमक तक होता है, उसे भी इन्फेक्शन हो जाता है और वह मर जाती है।
इसका मनुष्य, पशु, साग सब्जी फल पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। ब्लॉक एंकर पर्सन, नंदकिशोर शाह ने कहा कि गर्मी में खेत की गहरी जुताई बहुत जरूरी है। इससे हानिकारक कीटाणु मर जाते हैं। खरपतवार भी नष्ट हो जाते हैं। वहीँ, आशुतोष सिंह बताया कि बरसात के पानी में नाइट्रोजन की मात्रा अधिक होती है। मिट्टी इसे अवशोषित कर खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ाती है। इस अवसर पर यंग प्रोफेशनल, शैलेश कुमार व अनुज कुमार, विकास खण्ड प्रबन्धक, शिव कुमार गुप्ता, हिरण पड़ी, अर्चना देवी, मंजू देवी, गायत्री देवी, रीना देवी सहित बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित रही।