बहराइच। “बत्ती गुल और मीटर चालू” जी हां सही सुना आपने, क्यूंकि हालिया रिलीज हुई इस फिल्म का टाइटल मिहींपुरवा मुख्यालय से सटे ग्राम कुडवा के मजरे बुद्धूपुरवा पर सटीक बैठता है। यहां हुई बिजली विभाग के लापरवाही की कारगुजारी आपको सोंचने पर मजबूर कर देगी।
एक ओर जहां प्रधानमंत्री मोदी दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत हर गांव को बिजली व्यवस्था से जोड़ना चाहते हैं वहीँ बुद्धूपुरवा में बिजली विभाग प्रधानमंत्री की अहम योजना को पलीता लगाता नजर आ रहा है। ग्रामीणों के अनुसार वर्ष 2014 में इस गांव में बिजली के खम्भे और मीटर लगवाये गये थे। लेकिन 5 वर्ष बीत जाने के बाद भी ग्रामीण बिजली की रोशनी देखने को मोहताज़ हैं। गांव में विभागीय कर्मी को देखकर इन ग्रामीणों की आँखों में चमक आ जाती है, लेकिन विभाग के नए फरमानों को सुनकर ग्रामीणों की उम्मीदों को अंधेरे का ग्रहण लग जाता है।
ग्रामीणों की जुबानी
65 वर्षीय स्थानीय निवासी बुजुर्ग तौला की बातों में बिजली विभाग की लापरवाही व उदासीनता साफ़ दिखाई देती है। तौला का कहना है कि जब वर्ष 2014 में बिजली के खम्भे लगाये गये थे तो आजादी के बाद गांव में बिजली आने की ख़ुशी का माहौल था। लेकिन विभाग द्वारा एक के बाद एक फरमान सुनकर ग्रामीणों की उम्मीद पर पानी फिर गया। 60 वर्षीय बुजुर्ग जमील ने बताया कि खंभे लगाते समय ठेकेदारों ने 1200 रूपये वसूले थे।
वहीँ कुछ महीने पहले दूसरा मीटर लगाकर जबरन 100 रूपये की उगाही भी की गई है। लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि अभी तक गांव को बिजली नसीब नहीं हुई है। सोंचने वाली बात है कि ठेकदारों ने अपनी धमक और रसूख दिखाकर गांव में जबरन दो- दो मीटर लगाकर 100 रूपये क्यूं वसूल लिए। कुछ लोगों ने यह भी बताया कि दोबारा मीटर लगाये जाने पर 100 रूपये प्रति महीने देने का फरमान जारी किया गया है।
लाइट आई नही और थमा दिया बिल
ग्रामीणों के अनुसार, बिजली विभाग ने बिना लाइट आए मीटर के आधार पर कई लोगों को बिजली का बिल भी थमा दिया है। लोगों ने बताया कि इस पूरे प्रकरण के बारे में बिजली विभाग को कई बार शिकायत दी है लेकिन उम्मीद की किरण कहीं से भी दिखाई नहीं दे रही। बिजली विभाग अपने पुराने ढुलमुल रवैये पर अड़ा है। हमारी टीम ने जब विभाग के एसडीओ अब्दुल अजीज से बात कि तो उनका फ़ोन घंटों व्यस्त बताता रहा।
वीडियो देखिये- https://youtu.be/eaUgUNcYFN0