बहराइच। जिले में पिछले 18 वर्षों से मानव तस्करी, बाल तस्करी व वनाधिकारों के मुद्दे पर कार्य करने वाली संस्था “देहात समाज कार्य संगठन” ने बंधुआ मजदूरों को हमेशा के लिए आजाद किया है। संस्था को नेशनल कैंपेन कमेटी फॉर एंडिंग बांडेड लेबर से सूचना मिली कि कैसरगंज से 6 किमी दूर स्थित एक ईंट भट्ठे में बिलासपुर छत्तीसगढ़ के निवासी 3 पुरुष, 3 महिलाएं व 5 मासूम बच्चे तीन महीने से अमानवीय परिस्थितियों में बंधुआ मजदूर के रूप में कैद हैं।
देहात संस्था द्वारा संस्था के मुख्य कार्यकारी व सामाजिक कार्यकर्ता जितेन्द्र चतुर्वेदी के नेतृत्व में जिला प्रशासन, श्रम विभाग के अधिकारियों, चाइल्ड लाइन टीम, कैसरगंज पुलिस, तहसीलदार आदि के साथ मिलकर एचबीएफ ब्रिक फील्ड पर छापा मारा गया जहां सभी बंधुआ मजदूरों को आजाद करा लिया गया। मुक्त होने के बाद इन असहायों ने बिलखते हुए बताया कि इनमें से पुरूषों और महिलाओं को अलग अलग कोठरियों में बंद रखा जाता था। हर रोज बुरी तरह लाठी डंडों, जूते, बेल्ट, व लात घूंसो से मारकर प्रताड़ित किया जाता था। यही नहीं, दरिंदों ने मासूम बच्चों को भी नहीं बख्शा। मुक्त होने के बाद भट्ठा मालिकों से इनकी मेहनत की कमाई का बकाया 39 हजार का भुगतान करवाया गया। फिलहाल कानूनी कार्यवाही जारी है। मजदूरों को मुक्त कराने वालो में सदस्यों में रेखा वर्मा, आलोक, चाइल्ड लाइन सिटी कोआर्डिनेटर रिया सिंह, तहसीलदार कैसरगंज सोहनलाल, कैसरगंज पुलिस सहित भारती तकनीकी सहायक सत्येंद्र पांडेय शामिल रहे।