बहराइच। कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के ककरहा वन रेंज व बहराइच वन प्रभाग के चकिया वन रेन्ज के बीच बहने वाली नेपाल से बहकर आयी भादा नदी के समीप स्थित मोतीपुर थाना क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम करमोहना व मटेही कला के बीच शनिवार सुबह करमोहना गांव निवासी नंन्द जी के गोभी के खेत में बाघ जैसे जंगली जीव के पंजों के बड़े-बड़े निशान देखे गए थे। बाघ आने की आशंका जताते हुए यह खबर क्षेत्र में आग की तरफ फैल गई।
देर शाम स्थानीय ग्रामीणों द्वारा बाघ के पद चिन्हों के संबंध में बहराइच वन प्रभाग के चकिया वन रेन्ज के वन क्षेत्राधिकारी जहीर मिर्जा को सूचना दी गई। ग्रामीणों की सूचना पर रविवार तड़के सुबह जहीर मिर्जा व वन दरोगा अविनाश तिवारी सहित वन विभाग की टीम ने करमोहना गांव का दौरा कर ग्रामीणों के साथ पद चिन्हों की पड़ताल की। वन क्षेत्राधिकारी जहीर मिर्जा ने बताया कि स्थानीय ग्रामीणों द्वारा शनिवार देर शाम बाघ के पद चिन्हो के सम्बन्ध में सूचना मिली थी। रविवार सुबह वन टीम के साथ गांव का दौरा कर जांच पड़ताल व माप की गई है। उन्होंने बताया कि करमोहना गांव निवासी नन्द जी के गोभी के खेत में, निरंजन सिंह के गन्ने के खेत में व मुसाफिर सिंह के गन्ने के खेत में बाघिन के पंजे के निशान मिले हैं। निशान 3 दिन पुराने प्रतीत हो रहे हैं।
आशंका जताई जा रही है कि कतर्नियाघाट के ककरहा वन रेन्ज के कण्डा जंगल से निकल कर बाघिन भादा नदी पार कर इस पार आई है। वन दरोगा अविनाश तिवारी को क्षेत्र में बराबर गस्त करते हुये नजर बनाए रखने के निर्देश दिए गए है। चिन्हों की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है, रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। करमोहना गांव दौरे के दौरान ग्राम प्रधान सिराजुल, कुंज बिहारी, अवध बिहारी, रमेश मौर्य, विकास मौर्य, जमालुद्दीन, कन्हैया सिंह, कमालू सहित काफी संख्या में स्थानीय ग्रामीण उपस्थित रहे।