बहराइच। मंजिलें उन्ही को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंखो से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है। कहावत तो पुरानी है लेकिन इस खबर के लिए सटीक बैठती है। ये कहानी है किसान के घर में पली उस लड़की की जिसने महज 19 साल की उम्र में बहराइच जिले का नाम अपनी काबिलियत के बलबूते ऊँचा किया है।
समाज में बेटी पैदा होने पर उनके माँ-बाप को कोसने वाले तुच्छ मानसिकता वाले लोगों पर 19 साल की मीरा मिश्रा ने करारा तमाचा मारा है। महसी तहसील के एक छोटे से गाँव रमपुरवा में रहने वाली मीरा मिश्रा ने SSC-JE की परीक्षा में 257वीं रैंक हासिल कर जूनियर इंजीनियर (NTRO) में अपनी जगह बनाई है। मीरा मिश्रा के पिता विनोद मिश्रा अपनी बेटी की सफलता से बेहद खुश हैं। इतनी कम उम्र में सफलता की बुलंदियों को छूने वाली मीरा मिश्रा ने रमपुरवा गाँव के सरकारी स्कूल से हाईस्कूल की परीक्षा उतीर्ण की। इसके बाद मन में इंजीनियरिंग का ख्वाब पाले हुए 2014 में राजकीय पॉलीटेक्निक बहराइच से 3 साल डिप्लोमा करने के बाद पहले ही प्रयास में सफलता के इस मुकाम तक पहुँच गईं।
मीरा ने बताया कि उन्होंने प्रयागराज (इलाहाबाद) में रहकर 4-5 घंटे कड़ी मेहनत के बाद SSC-JE की परीक्षा उत्तीर्ण की है। मीरा मिश्रा का कहना है कि वो भविष्य में अफसर बिटिया बनना चाहती हैं। 19 साल की इस बिटिया की सफलता से उनका परिवार ही नही बल्कि गाँव के लोग भी फूले नही समां रहे। वहीँ मीरा के टीचर अकरम सिद्दीकी, दोस्त आकृति सिंह, शुभांगिनी सिंह, शागुफी फातिमा, सीमा व शालू इतने खुश हैं कि उन्होंने अपने इलाके में मिठाइयाँ बाँट कर जश्न मनाया है।