“ठन गई, मौत से ठन गई” अब सिर्फ यादों में रहेंगे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी

नई दिल्ली। भारतीय राजनीति के पुरोधा कहे जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी का गुरुवार को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) अस्पताल में निधन हो गया। बेहतरीन व्यक्तित्व, कवि, पत्रकार और प्रखर वक्ता अटल बिहारी बाजपेयी कई सालों से बीमार चल रहे थे। अटलजी के जाने से पूरा देश शोक में डूब गया है।

बता दें कि 11 जून को गुर्दा (किडनी) नली में संक्रमण, छाती में जकड़न, मूत्रनली में संक्रमण जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के बाद अटल जी को एम्स में भर्ती कराया गया था। बाजपेयी के निधन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लाल कृष्ण आडवाणी सहित भाजपा और अन्य पार्टी के नेता तबियत जानने एम्स पहुंचे थे। बताते चले कि अटल बिहारी तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे। पहली बार वो 1996 में प्रधानमंत्री बने और उनकी सरकार सिर्फ 13 दिनों तक ही रह पाई। 1998 में वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने, तब उनकी सरकार 1 साल तक चली थी। इसके बाद 1999 में तीसरी बार प्रधानमंत्री बने और 5 सालों का कार्यकाल पूरा किया। अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था। उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी कवि होने के साथ-साथ स्कूल मास्टर भी थे।

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