लखनऊ/शामली। लखनऊ कोर्ट में कुख्यात संजीव जीवा की हत्या के बाद गुरुवार दोपहर को शामली जनपद के पैतृक गांव आदमपुर में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। बेटे तुषार ने पिता को मुखाग्नि दी। बताया गया कि अंतिम संस्कार में संजीव जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी नहीं पहुंची। इस दौरान कई थानों की पुलिस मौजूद रही।
गुरुवार दोपहर तीन बजे जीवा का शव उसके पैतृक गांव आदमपुर पहुंचा। पैतृक आवास पर शव पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। बाद में शवयात्रा निकाली गई। पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच परिजन संजीव जीवा का शव गांव के ही पास पैतृक खेत में लेकर पहुंचे, जहां पर अंतिम संस्कार किया गया। उम्मीद जताई जा रही थी कि उसकी पत्नी पायल आ सकती थी लेकिन वह नहीं पहुंची। बल्कि संजीव जीवा की बहन सहित अन्य परिजन अंतिम विदाई में शामिल रहे। पुलिस ने अंतिम संस्कार में भीड़ नहीं जुटने दिया।
शाइस्ता की तरह पायल भी नहीं पति के अंति दर्शन
आपराधिक मामला में फरार चल रही जीवा की पत्नी पायल अपने पति के अंतिम दर्शन नहीं कर पाई। उम्मीद जताई जा रही थी कि पायल अपने पति जीवा के अंतिम दर्शन करने के लिए गांव पहुंच सकती है, इसको लेकर पुलिस की कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था कर रखी गई थी, हालांकि गिरफ्तारी के डर से पायल भी पति के अंतिम दर्शन नहीं कर सकती। इसी तरह शाइस्ता परवीन भी फरार चल रही है। अतीक की हत्या के बाद शाइस्ता के भी शौहर का आखिरी बार चेहरा देखने के लिए आने की चर्चा हुई थी लेकिन वह भी गिरफ्तारी के डर से अब तक फरार चल रही है। पुलिस लगातार उसकी तलाश में जुटी है।
भाजपा नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड में आजीवन कारवास की सजा पाने वाला मुजफ्फरनगर के शाहपुर आदमपुर निवासी संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा पिछले बीस साल से जेल में बंद था। उस पर दो दर्जन केस दर्ज हैं। वह हत्या व एससीएसटी के एक केस में बुधवार दोपहर पुलिस अभिरक्षा में पेशी पर लाया गया था। तभी कोर्ट रूम के पास संजय के पास पहुंचते ही फायरिंग होने लगी। जब तक वो लोग अंदर से बाहर आये तब तक संजय माहेश्वरी कोर्ट रूम के दरवाजे पर ही गिर गया था।हमलावर ने भागने का प्रयास किया, लेकिन वहां मौजूद वकीलों ने उसे पकड़ लिया। पूछताछ में उसने बताया कि वह जौनपुर के केराकत का रहने वाला है। उसका नाम विजय यादव उर्फ आनंद है। पुलिस जीवा को अस्पताल लेकर गई। जहां उसे मृत घोषित कर दिया। संजीव पर पूर्व भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का भी आरोप था लेकिन बाद में वह कोर्ट से बरी हो गया था।
छह छाती और दो हाथों पर गोलियां लगीं
संजीव उर्फ जीवा के पोस्टमार्टम के बाद केजीएमयू ने बयान जारी कर कहा कि कुख्यात जीवा को मृत हालत में बलरामपुर अस्पताल लाया गया था। उसके शरीर में 16 गोलियों के निशाना पाए गए हैं जो कि दिखाते हैं कि उस पर आठ गोलियां चलाई गई थीं। छह उसकी छाती पर लगीं और दो उसके हाथों पर लगने के बाद आर-पार हो गईं।
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