बहराइच। प्रेमी को पाने के लिए मजहब के दीवार तोड़ दी। रूबीना बेगम ने स्वेच्छा से धर्म बदल कर अपना नाम रूबी अवस्थी रख लिया है। इसके बाद अपने प्रेमी से शादी कर ली। सोमवार को दोनों को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने सारे दस्तावेज देखने के बाद रुबीना उर्फ रूबी को स्वतंत्र रहने का आदेश दिया। विवाह के बाद वह अपने प्रेमी से घर चली गई है।
कोतवाली देहात के शिवपुरा गांव निवासी 18 वर्षीय युवती का गांव के ही युवक से प्रेम प्रसंग चल रहा था। दो सप्ताह पूर्व रुबीना अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई। इसके बाद रुबीना के परिजनों ने शेष कुमार अवस्थी के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज करवाया था। इस दौरान प्रेमी और प्रेमिका मुंबई पहुंच गए। पुलिस ने दो समुदाय का मामला देख दोनों को मुंबई से बरामद कर लिया। सोमवार को दोनों को कोर्ट में पेश किया गया। जहां पर रुबीना ने वकील दिनेश सिंह जायसवाल की ओर से धर्म परिवर्तन कर नाम रूबी अवस्थी रखने और प्रेमी से शादी करने की बात कही। युवती ने कहा कि मैं बालिग हूं। उसने अपने घर जाने से इनकार कर दिया। जिस पर कोर्ट ने सारे दस्तावेज देखने के बाद रुबीना उर्फ रूबी को स्वतंत्र रहने का आदेश दिया।
अदालत के सामने हुए ये अलग-अलग दावे
अदालत के सामने युवती की सुपुर्दगी को लेकर दो अलग अलग दावे किए गए। जहां एक तरफ रुबीना के ससुर कन्हैया लाल अवस्थी ने कोर्ट पर उसके शैक्षिक दस्तावेज के तौर उसकी मार्कशीट पेश कर यह मांग की कि उनकी बहू बालिग है और उसे उन्हें सौंपा जाय, तो दूसरी ओर रुबीना के अनुवांशिक पिता कल्लन ने उसके ससुर के दावों को फर्जी बताया और कहा की उनकी बेटी पढ़ी लिखी नहीं और उसकी उम्र 15 वर्ष है। उन्होंने अपने दावे के पक्ष में उसका जन्म प्रेम पत्र कोर्ट को सौंपा।
कोर्ट ने सुनाया ये फैसला
दो अलग-अलग दावों के बीच कोर्ट ने यह मामला जिले की बाल कल्याण समिति (सीडब्लूसी) के पास इनके दस्तावेजों के परीक्षण के लिए सौंप दिया, जहां बाल कल्याण समिति ने रुबीना के शैक्षिक दस्तावेजों में अंकित उसकी जन्मतिथि के आधार पर उसे बालिग करार देकर उसे अग्रिम कार्यवाही के लिए फिर से न्यायालय रेफर कर दिया। वहीं कोर्ट ने सीडब्लूसी द्वारा रुबीना को बालिग बताए जाने के बाद पुलिस को आदेश दिया कि रुबीना को स्वतंत्र रूप से उसकी इच्छा पर वह जहां जाना चाहे उसके पास भेजा जाए। इसके बाद रुबीना ने कोर्ट पर अपने ससुराल जाने की इच्छा प्रकट की, जिसपर कोर्ट ने उसे पुलिस अभिरक्षा में उसके ससुराल के परिजनों के पास भेजने का आदेश पारित किया।
अधिवक्ता दिनेश सिंह जायसवाल ने बताया कि कोर्ट के फैसले से दोनों खुश हैं। कोतवाली में दर्ज मुकदमा भी इसी आधार पर फाइनल हो जाएगा। कोर्ट के आदेश के बाद विवेचक अनुराग प्रताप सिंह ने रुबीना उर्फ रूबी के लड़के पक्ष को सौंप दिया। कोर्ट ने विद्यालय का अंकपत्र देखा, तो उसमें रुबीना 18 वर्ष तीन माह 28 दिन की बालिग युवती निकली। जिस पर उसे लड़के पक्ष को सौंप दिया गया।
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