तेरा किरदार जरूरी है कहानी के लिए
जैसे पतवार जरूरी है रवानी के लिए
पात बिना शाख के वो एक फल जैसी
यूं तेरा प्यार जरूरी है दीवानी के लिए
अच्छी नही होती इतनी भी खामोश नदी
थोड़ा कलरव भी जरूरी है पानी के लिए
थम जाऊंगा जो राहो में तो मुश्किल होगी
हाँ थोड़ी रफ्तार जरूरी है जवानी के लिए
आईना नया तुम जो लिए बैठे हो हूबहू मेरा
एक तस्वीर मैंने भी बचाई है निशानी के लिए
तेरा किरदार जरूरी है कहानी के लिए..!
By- शुभम पटेल
(छात्र- देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार)
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