प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के महाकुंभ में बीती रात भगदड़ में मरने वालों का आधिकारिक आंकड़ा घटना के करीब 20 घंटे बाद प्रशासन ने जारी कर दिया। प्रशासन के अनुसार इस हादसे में 30 लोगों की मौत हुई है। साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग से जांच कराने का आदेश दिया है। साथ ही, मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता मुहैया कराने का निर्देश भी दिया है। इस दौरान सीएम योगी भावुक भी हो गए।
महाकुंभ मेला क्षेत्र के डीआईजी वैभव कृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महाकुंभ में हुई भगदड़ में 30 लोगों की मौत हुई है। 90 लोगों को अस्पताल लगाया गया। जिसमें से 30 लोगों ने दम तोड़ दिया, इनमें से 25 लोगों की शिनाख्त हो गई है। जिसमें कर्नाटक के चार, गुजरात के एक श्रद्धालु की मौत हुई है। 60 लोग घायल हैं। उन्होंने बताया कि अखाड़ा मार्ग पर रात एक से दो बजे के बीच भारी भीड़ का दबाव बन गया था। भारी संख्या में लोग मौनी अमावस्या का स्नान करने पहुंचे थे। दबाव के कारण बैरिकेडिंग टूट गई और संगम की ओर घुसी भीड़ ने वहां पर स्नान का इंतजार कर रहे लोगों को कुचलना शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि एक हेल्पलाइन भी बनाई गई है। इसका नंबर 1920 है। अगर कोई गुमशुदा है तो उसकी जानकारी इस नंबर पर ली जा सकती है। डीआईजी ने यह भी साफ किया कि आज कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं था। बताया कि शासन ने पहले ही सख्त निर्देश दिए थे कि कोई भी वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा। कहा कि आगे भी किसी स्नान पर्व पर कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा।
मृतकों के परिजनों को दिए जाएंगे 25 लाख रुपये
वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ प्रयागराज में मौनी अमावस्या का मुख्य स्नान है। कल 7 बजे से काफी बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान कर रहे थे। एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा संगम पर हुआ, जिसमें 90 से ज्यादा लोग घायल हुए। ये हादसा भारी भीड़ के द्वारा बैरिकेडिंग तोड़ने और कूदे जाने के कारण हुआ है। हादसे में 30 लोगों की मृत्यु हुई है। 36 घायलों का इलाज चल रहा है। मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता मुहैया कराने का निर्देश भी दिया है। घटना के बारे में सीएम ने कहा कि यह दुखद और मर्माहत करने वाली है। उन सभी परिजनों के प्रति हमारी पूरी संवेदना है। हम लोग रात से ही लगातार मेला प्राधिकरण, प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के संपर्क में हैं। फिर भी अन्य जितनी भी व्यवस्थाएं हो सकती थीं, उन सबको वहां तैनात किया गया था।
बता दें भगदड़ की घटना के बाद अखाड़ा परिषद ने शाही स्नान भी रद्द कर दिया था। खुद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने आज का शाही स्नान रद्द करने की घोषणा की थी। लेकिन बाद में सीएम योगी की महामंडलेश्वरों से बातचीत के बाद शाही स्नान का फैसला लिया गया। इसके बाद तय शेड्यूल के तहत नागा साधुओं और संतों ने शाही स्नान किया।