प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के संगम तट पर भगदड़ और मौतों के बाद प्रशासन ने पूरे मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया है। सभी व्हीकल पास रद्द कर दिए गए हैं। साथ ही अमृत स्नान व प्रमुख स्नान पर्वों तथा इसके समीप की तिथियों पर प्रशासन द्वारा किसी प्रकार का वीआईपी प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा।
महाकुंभ का आज 18वां दिन है। आज शाम 4 बजे तक 1.77 करोड़ लोगों ने स्नान किया है। वहीं 13 जनवरी से अब तक 27.58 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। कल मौनी अमावस्या (29 जनवरी) पर करीब आठ करोड़ लोगों ने स्नान किया था। मौनी अमावस्या पर मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात को भगदड़ मच गई थी। हादसे में अब तक 30 मौतों की पुष्टि की गई है। वहीं, 60 घायल हुए हैं। महाकुम्भ-2025 में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के साथ-साथ वीआईपी और वीवीआईपी भी त्रिवेणी संगम में स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित करने आ रहे हैं। हालांकि अमृत स्नान और प्रमुख स्नान पर्वों पर इस तरह के प्रोटोकॉल पर योगी सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। सीएम योगी की मंशा के अनुसार, अमृत स्नान व प्रमुख स्नान पर्वों पर तथा इसके समीप की तिथियों पर प्रशासन द्वारा किसी प्रकार का वीआईपी प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा। योगी सरकार की ओर से मेले की शुरुआत से पहले ही इसकी घोषणा की गई थी। अब इस फैसले को सख्ती से लागू किए जाने की पहल की गई है।
इन 2 अधिकारियों को सौंपी गई महाकुंभ की कमान
महाकुंभ 2025 के अगले दो स्नान पर्व की कमान आशीष गोयल और भानु चंद्र गोस्वामी को सौंपी गई है। दोनों ही 2019 के कुम्भ के दौरान सेवाएं दे चुके हैं। आशीष गोयल 2019 के कुंभ में मंडलायुक्त थे जबकि भानु चंद्र गोस्वामी ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रहते हुए कुंभ 2019 के सफलता से कराने में उल्लेखनीय योगदान दिया था। बाद में वह प्रयागराज के डीएम भी बनाए गए थे। आज मुख्य सचिव और डीजीपी महाकुंभ मेला की सुरक्षा व्यवस्था और बसंत पंचमी पर होने वाले ‘अमृत स्नान’ की व्यवस्थाओं की समीक्षा करेंगे।
वहीं महाकुंभ भगदड़ की जांच के लिए गठित न्यायिक जांच आयोग पर यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा, “राज्य सरकार ने न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है। फिलहाल हम यहां इस बात पर चर्चा करने आए हैं कि हम बसंत पंचमी के अमृत स्नान को कैसे अच्छे से आयोजित कर सकते हैं और कैसे बेहतर सुविधाएं प्रदान कर सकते हैं। हम उस जगह भी पहुंचे जहां यह घटना हुई थी और मेडिकल कॉलेज गए और इलाज करा रहे लोगों से मिले। यहां भर्ती किसी की हालत गंभीर नहीं है, कुछ लोगों को फ्रैक्चर हुआ है। हम बसंत पंचमी के लिए बेहतर व्यवस्था करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।”