मिहींपुरवा। भीषण गर्मी व उमस के बीच बिजली कटौती को लेकर बुधवार को मिहींपुरवा बाजार बंदकर व्यापारियों व कस्बे के लोगों ने धरना- प्रदर्शन किया। झमाझम बारिश के बीच कई घंटों तक लोग समस्या समाधान को लेकर हक की आवाज बुलंद करते हैं। रेलवे क्रॉसिंग चौराहे पर सड़क पर धरना प्रदर्शन के चलते आवागमन ठप हो गया है। 24 घंटे के अंदर जर्जर लाइनों को बदलकर रोस्टर के हिसाब से आपूर्ति का आश्वासन दिया। इसके बाद व्यापारियों ने धरना खत्म करने का फैसला किया।
कस्बे में व्यापारियों ने अपनी दुकानें सुबह से ही बंद रखीं और हजारों की संख्या में सड़कों पर उतरे। बिजली कटौती से व्यापार प्रभावित होने व उमस से नींद बेहाल होने की बात कहते हुए सड़क जाम किया और घंटों बिजली विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। व्यापारियों का आरोप है कि बिजली विभाग के अफसर सरकार की छवि धूमिल कर रहे हैं। झमाझम बारिश के बीच लोगों की भीड़ को देखकर पुलिस महकमा भी हरकत में आया। एसएचओ राकेश पांडेय पूरे अमले के साथ मौके पर पहुंचे। सूचना अधीक्षण अभियंता तक पहुंची। लगभग 7 घंटे बाद बारिश के बीच ही धरना स्थल पर पहुंचे तहसीलदार मिहींपुरवा अंबिका चौधरी को लोगों ने ज्ञापन देने से मना करते हुए एसडीओ को बुलाए जाने की मांग की। तहसीलदार के प्रयास और लोगों के मांग के बावजूद एसडीओ के मौके पर ना आने की स्थिति में विद्युत विभाग के एक्सीएन रंजीत कुमार अपने अधीनस्थ के साथ मौके पर पहुंचे और व्यापार मंडल की मांगों को मानते हुए ज्ञापन लेकर समस्या के जल्द निस्तारण के आश्वासन दिया।
एक्सईएन ने कहा कि 132 केवी में दिक्कत होने की वजह से ऐसी समस्या पैदा हो रही है। इसको दूर करने का प्रयास चल रहा है। 24 घंटे के बाद रोस्टर के हिसाब से कस्बे के लोगों को आपूर्ति मिलने लगेगी। एक्सईएन के पहुंचने पर व मांग पत्रों पर विचार के आश्वासन पर पर कस्बे के लोग मौके से हटे। प्रदर्शन में व्यापार मंडल के डॉ. छोटेलाल गुप्ता, बाबूलाल शर्मा, श्रवण कुमार मद्धेशिया, मुन्ना मोदी, संजय सिंह आदि शामिल रहे।
वहीं शहर के ढपाली पुरवा व सरस्वती नगर मंगलवार को लगभग 24 घंटे से अंधेरे में डूबा हुआ था। बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी बिजली विभाग का कोई भी अधिकारी मौके तक नहीं पहुंचा। आक्रोशित मोहल्ले वासियों ने बहराइच -लखनऊ मार्ग जाम कर दिया। देहात कोतवाल एवं तिकोनी बाग चौकी इंचार्ज के समझाने -बुझाने के बाद किसी तरह से जाम तो हटा। बिजली आपूर्ति फिर भी बहाल ना हो सकी। इससे लोगों की नाराजगी और बढ़ गई।