लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर यूपी-112 द्वितीय चरण के उच्चीकृत पीआरवी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। साथ ही वातानुकूलित हेलमेट भी पुलिसकर्मियों को बांटे। योगी ने पुलिस की प्रशंसा करने के साथ ही भविष्य में तकनीक के साथ कदमताल कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपग्रेटेड 1778 पीआरवी को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने कहा कि यूपी 112 को और प्रभावशाली बनाने के लिए अगले तीन वर्ष के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इससे यूपी 112 का रिस्पांस टाइम कम होगा और जरूरतमंदों तक तेजी से मदद भेजी जा सकेगी। योगी ने कहा कि हमने यूपी-112 के रिस्पांस टाइम को कम करने और पीआरवी-112 की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया है। चौपहिया के साथ दोपहिया वाहनों को भी 112 के बेड़े में शामिल किया है, ताकि गली-मोहल्लों तक आमजन की मदद की जा सके। कोरोना काल में लॉकडाउन के समय यूपी 112 सुर्खियों में बना रहा। लोगों ने पुलिस बल के सेवाभाव को देखा था। जिन गली-मोहल्लों में फोर व्हीलर नहीं जा सकती, वहां टू व्हीलर पहुंचे।
सीएम ने इस दौरान अपने संबोधन में कहा कि पुलिस को मॉर्डन होने के साथ मोबाइल होना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्मार्ट पुलिस की अवधारणा के सूत्र का पुलिस को पूरी तरह से अनुसरण करना चाहिए। पुलिस सख्त के साथ संवेदनशील हो, अलर्ट के साथ अकाउंटेबल हो। सीएम ने कहा कि सुशासन की पहली शर्त है कानून का राज। सुरक्षा व संरक्षा का बेहतर वातावरण देना राज्य का दायित्व है और इसका निर्वाहन पुलिस करती है।
हैदराबाद की कंपनी ने बनाया हेलमेट
सीएम ने कार्यक्रम में कानपुर ट्रैफिक पुलिस के आरक्षी सुगौरव तिवारी को हेलमेट पहनाने के बाद कहा कि इस बार गर्मी के नया रिकॉर्ड बनाया है। अंतिम चरण के चुनाव में एक ही दिन में दर्जनों चुनाव कर्मियों की मौत हो गयी थी, जो हमारे लिए चिंता का सबब था। तब तापमान बहुत अधिक था। ट्रैफिक जवान गर्मी में ड्यूटी करने के दौरान बेहोश हो जाते हैं या कोई अप्रिय घटना हो जाती है। एसी हेलमेट कुछ हद तक मदद कर सकता है। एसी हेलमेट का निर्माण हैदराबाद की कंपनी ने किया है। वहीं कानपुर मेट्रो में कार्यरत एफकॉन इंफ्रास्ट्रक्चर ने सीएसआर से सहयोग दिया है।
बॉडी वार्न कैमरों से लैस होंगे पीआरवीकर्मी
घटनास्थल पर एक-एक मूवमेंट को सही से रिकार्ड करने के लिए पीआरवीकर्मियों को बॉडीवार्न कैमरों से लैस किया गया है। वहां वाहनों पर पीटी जेड कैमरे लगाए गए हैं। ताकि वीडियो फुटेज और तस्वीरों के जरिए सही पक्ष को न्याय मिल सके और पुलिस कोई मनमानी न कर सके। यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि पहले 112 यूपी का कनेक्टविटी सिस्टम पीआरई साफ्टवेयर से संचालित हो रहा था, जिसमें एक लाइन में एक बार में 30 कॉल तक आ सकती थीं।
डीजीपी ने कहा कि नए एसआईपी सिस्टम के तहत एक चैनल पर अब 1500 कॉल तक आ सकेंगी। हम एक ही समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि इसके लिए कॉल टेकर की संख्या को भी 673 से बढ़ाकर 825 किया गया है। वहीं पीआरवी वाहनों की संख्या को 4800 से बढ़ाकर 6278 किया गया है। दो पहिया वाहनों की संख्या बढ़ाई गई है ताकि संकरी गलियों में भी लोगों को तत्काल मदद पहुंचाई जा सके।
दूसरे चरण में ईएलएस का इस्तेमाल
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि 112 यूपी के दूसरे चरण नेक्स्ट जेन में ईएलएस (इमरजेंसी लोकेशन सर्विस) का इस्तेमाल होगा। इसके जरिए कॉलर या मदद मांगने वाली की सटीक लोकेशन मिल सकेगी। यूपी पुलिस इस फीचर का इस्तेमाल करने वाली देश की पहली पुलिस है। यही नहीं अब कॉलर मदद के लिए भेजी गई पीआरवी को खुद भी ट्रैक कर सकेंगे। दूसरे चरण में यूपी 112 की ओर से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकी को चैटबॉट के रूप में लागू किया गया है। इसी क्रम में मुख्य-मुख्य भारतीय भाषाओं के कंप्यूटर के जरिए आपस में अनुवाद कर कॉलर की समस्या समझकर उसका त्वरित हल प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। कॉल्स के दौरान कॉलर की पहचान को गोपनीय रखने की व्यवस्था भी की गई है।