बागपत। यूपी पुलिस कम्प्यूटर ऑपरेटर भर्ती परीक्षा में सेंधमारी करने के मामले में एसटीएफ मेरठ यूनिट को बड़ी सफलता मिली है। एसटीएफ ने सेंधमारी करने वाले गिरोह के 12 लोगों को बागपत और गाजियाबाद से बुधवार को गिरफ्तार किया है। मामले की रिपोर्ट बागपत के बड़ौत थाने में दर्ज कराई गई है।
एसटीएफ एसपी ब्रजेश सिंह ने बताया कि वर्तमान में उप्र पुलिस की ऑनलाइन कंप्यूटर ऑपरेटर भर्ती परीक्षा चल रही है। जिसमें सिस्टम हैक करने और सॉल्वर बैठाकर परीक्षा कराने वाले गिरोह के सक्रिय होने की सूचना मिली थी। इसकी जांच शुरू की गई तो पता चला कि बड़ौत की आवास विकास काॅलोनी में स्थित अनिल कुमार के मकान नंबर 2सी/124/4-5 में कुछ व्यक्ति किराए पर कमरा लेकर कंप्यूटर ऑपरेटर की परीक्षा में सिस्टम हैक करके अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर प्रश्न पत्र हल कर रहे हैं।
वहीं, एसटीएफ की टीम ने मौके से तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सामने आया कि यह लोग सात फरवरी 2024 को उप्र पुलिस में कंप्यूटर ऑपरेटर की परीक्षा में अभ्यर्थी के कंप्यूटर की स्कीन शेयर कर यहीं से पेपर सॉल्व कर रहे थे। पूछताछ में पता चला कि विधान पब्लिक स्कूल दुहाई गाजियाबाद में स्थित लैब को फर्जी तरीके से परीक्षा कराने के लिए केंद्र आवंटित करा रखा है। जहां से अपने अन्य सहयोगियों की मदद से ये लोग ऑनलाइन परीक्षा हैकिंग का कार्य करते हैं। परीक्षा केंद्र पहुंच कर पुलिस ने सात अभ्यर्थियों और लैब के सहयोगी रजनीश कुमार व अश्वनी कुमार को हिरासत में ले लिया है।
250 कंप्यूटर की लैब की तैयार
इस गिरोह ने भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों से पेपर हल कराने के नाम पर पैसा कमाने के उद्देश्य से गाजियाबाद के दुहाई में विधान पब्लिक स्कूल में करीब 250 कंप्यूटर सिस्टम की लैब तैयार की। कंप्यूटर हैकिंग एक्सपर्ट पलवल हरियाणा निवासी राम चौहान ने रोहित चौधरी के कहने पर लैब में आकर 28 जनवरी 2024 को एक सिस्टम पर कुछ साॅफ्टवेयर (एनीडेस्क, नोड जेएस, पाइथॉन लांचर) इंस्टाल कर इस सिस्टम को मास्टर सिस्टम बनाया। जिससे जब जरूरत हो तब लैब में मौजूद अन्य सिस्टमों को इस मास्टर सिस्टम के जरिए जोड़ कर उनका रिमोट एक्सेस ले सकें और मास्टर सिस्टम को लैब में मौजूद अपने सहयोगियों की मदद से अलग रखा गया। जिससे किसी अभ्यर्थी को परीक्षा के समय यह सिस्टम आवंटित न हो। परीक्षा प्रारंभ होने से पहले ही लैब में मौजूद अपने सहयोगियों के माध्यम से कहीं भी बैठकर रवि लैब में मौजूद मास्टर सिस्टम को सॉफ्टवेयर के माध्यम से अपने सिस्टम पर लेकर जिन-जिन अभ्यर्थियों से पैसे लेकर पेपर हल कराने की बात तय होती थी, उनके परीक्षा केंद्र पर आवंटित सिस्टमों के एक्सेस ले लेता था। उसको अपने अन्य साथी जो पेपर हल करने में एक्सपर्ट थे, उनके सिस्टम पर भेज देता था। जिससे केंद्र पर मौजूद अभ्यर्थी के सिस्टम का पूरा एक्सेस इनके पास पहुंच जाता था। ये प्रश्न-पत्र अपने सिस्टम से हल करते थे। अभ्यर्थी केवल बैठकर माउस हिलाता रहता था। यह लोग प्रत्येक अभ्यर्थी से चार से पांच लाख रुपये इस कार्य के लिए लेते थे। राम चौहान एक अभ्यर्थी की स्क्रीन शेयर करने के लिए 50 हजार रुपये लेता था।
ये हुए गिरफ्तार
1. रचित चौधरी पुत्र ब्रह्मपाल सिंह निवासी ग्राम भाज्जू थाना बाबरी जनपद शामली। (सरगना)
2. कर्मवीर पुत्र रतन सिंह निवासी ग्राम बिहारीपुर थाना बागपत जनपद बागपत। (सॉल्वर)
3. दानवीर पुत्र तेजपाल निवासी वृद्धा ज्योति कॉलोनी, थाना बड़ौत जनपद बागपत । (सहयोगी)
4. रजनीश कुमार पुत्र अर्जुन प्रसाद महतो निवासी बगडस थाना भगवानपुर जनपद बेगुसराय बिहार (सहयोगी)
5. अश्वनी पुत्र नरेश कुमार निवासी कूकड़ा थाना नई मंडी जनपद मुजफ्फरनगर (सहयोगी)
6. अनिल कुमार पुत्र करतार सिंह निवासी ग्राम जरूवा कटरा थाना मलपुरा जनपद आगरा (अभ्यर्थी)
7. अक्षय तंवर पुत्र देवेंद्र कुमार निवासी सुनहेड़ा थाना खेकड़ा जनपद बागपत (अभ्यर्थी)
8. मनीष सरोहा पुत्र प्रमोद सरोहा निवासी शेरपुर लुहारा थाना छपरौली जनपद बागपत (अभ्यर्थी)
9. आलोक चौहान पुत्र तेजपाल निवासी बावली रोड, थाना बड़ौत, बागपत (अभ्यर्थी)
10. धर्मेंद्र पुत्र लेखन निवासी तुमोला थाना कोसी कलां जनपद मथुरा (अभ्यर्थी)
11. लोकेश कुमार पुत्र अरविंद सिंह निवासी पुरा थाना मंगोरा जनपद मथुरा (अभ्यर्थी)
12. आर्यदीप तोमर पुत्र ओमबीर सिंह निवासी बामनौली थाना दोघट जनपद बागपत (अभ्यर्थी)