अमेठी। उत्तर प्रदेश के अमेठी में 22 साल पहले गायब हुआ बेटा जब अपने घर संन्यासी पहुंचा तो सबकी आंखे छलक गई। घरवालों की कोशिश कि बेटा किसी तरह साधु का जीवन छोड़ कर गृहस्थ जीवन में वापस आ जाए। अब पता चला है कि वह पिंकू नहीं शातिर ठग नफीस है। उसके खिलाफ जनपद गोंडा समेत कई जिलों में आपराधिक केस पहले से दर्ज हैं। अमेठी पुलिस ने भी उसके खिलाफ अब केस दर्ज कर लिया है।
खरौली गांव के रतिपाल का 11 वर्षीय बेटा 22 साल पहले अचानक घर से लापता हो गया था। रतिपाल और अन्य परिजनों ने कई सालों तक उसकी खोजबीन की लेकिन पता नहीं चल सका। इस बीच 15 दिन पहले गांव में आए एक जोगी अपने साथी के साथ पहुंचा और लोगों को गाना सुनाकर भीख मांग रहा था। रतिपाल को किसी ने बताया कि जोगी का चेहरा उनके लापता बेटे की तरह लग रहा है। इस पर रतिपाल उसके पास पहुंचे और उसे अपने घर लेकर आए। परिजनों ने जोगी को ध्यान से देखा और अपना बेटा माना। उसे अब घर ही रहने के लिए मनाने लगे।
आसपास के लोगों को 22 साल से लापता बेटे के जोगी बनकर लौटने की बात पता चली तो भीड़ लग गई। इसका वीडियो भी तेजी से वायरल होने लगा। वह घर के सामने बैठ कर भजन कीर्तन करने लगा। घर वाले एक तरफ उसे दोबारा गांव छोड़कर नहीं जाने के लिए मनाने लगे तो दूसरी तरफ जोगी अपने मठ में जाने पर अड़ा रहा। जोगी को रोकने के लिए मां औऱ बुआ का रोते हुए वीडियो भी वायरल होने लगा।
खूब हुई सेवा सत्कार
घर वाले एक तरफ जोगी की खूब सेवा सत्कार में लग गए तो दूसरी तरफ उसे दोबारा गांव छोड़कर नहीं जाने के लिए मनाने भी लगे। उसने बताया कि मां से भिक्षा पाने की जोगियों की अनोखी परंपरा के चलते यहां आया है। फिर उसने परिजनों को पूरी तरह से विश्वास में लेने के बाद कहा कि मठ छोड़कर परिवार के साथ रहने के लिए उसे 3000 साधुओं को भोजना और वस्त्र आदि बांटना होगा। परिजनों ने खर्च जोड़ा तो करीब 11 लाख रुपए आ रहा था। इतनी बड़ी रकम देने की उनकी हैसियत नहीं थी। इसके बाद भी बेटे को पाने के लिए पिता ने जमीन बेचने का फैसला कर लिया। जमीन बेचने पर भी चार पांच लाख रुपए का ही इंतजाम हो सकता था। जोगी ने इस पर घर वालों से मठ वालों की फोन पर बात कराई। मामला 3 लाख 60 हजार पर आ गया।
ऐसे खुल गया भेद
इससे पहले कि परिजन रुपयों का इंतजाम करके उसे देते पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया के जरिए गोंडा के एक शिक्षक ने देखा तो जोगी को पहचान गया। उसने जोगी को गोंडा के टिकरिया गांव के सिजाम का बेटा नफीस बताया। इसके बाद जोगी के नफीस होने की बातें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। रतिपाल को इस बारे में पता चला तो वह हैरान रह गए। उन्होंने पूरे मा्मले की शिकायत पुलिस में की। उनकी तहरीर पर पुलिस ने जोगी बनकर आए दोनों युवकों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पता चला कि गोंडा में उसके खिलाफ पहले से कई आपराधिक केस दर्ज हैं। कोतवाली प्रभारी देवेन्द्र सिंह का कहना है कि विवेचना बहादुरपुर चौकी प्रभारी राजकुमार सिंह को सौंपी गई है। इसका अपराध खंगालने एक टीम गोंडा भी गई है। उसका मोबाइल अब बंद है। मोबाइल को सर्विलांस पर लगा दिया गया है।