बहराइच। सपा नेता और पूर्व विधायक मुकेश कुमार श्रीवास्तव की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। बहुचर्चित एनआरएचएम घोटाले में आरोपित मुकेश श्रीवास्तव विजिलस की खुली जांच में आय से 59.74 प्रतिशत अधिक धन खर्च करने के दोषी पाए गए हैं। मुकदमा दर्ज करने के बाद रविवार की दोपहर विजिलेंस टीम ने अचानक छापा मारा। भारी पुलिस बल के साथ पहुंची विजिलेंस की तीन टीमों ने पूर्व विधायक के बहराइच शहर स्थित आवास, कार्यालय व पयागपुर स्थित आवास पर संपित्त की जांच की। इस दौरान घरों के बाहर भारी पुलिस बल तैनात रहा।
रविवार की दोपहर लगभग एक बजे लखनऊ व अयोध्या की विजलेंस टीमों ने एक साथ इनके दो घरों व कार्यालय पर छापा मारा। लगभग एक बजे भारी पुलिस बल के साथ पहुंची विजलेंस टीम ने बहराइच कृषि विज्ञान केन्द्र के सामने स्थित आवास पर धावा बोला। टीम के अंदर प्रवेश करते ही पुलिस कर्मियो ने बाहर से ताला जड़ दिया। इस दौरान बाहर तैनात पुलिस टीम ने किसी को भी आवास के बाहर रुकने नहीं दिया और कुछ भी नहीं बताया। लगभग एक बजे के समय ही एक टीम ने महिला अस्पताल के सामने स्थित पूर्व विधायक के कार्यालय पर भी छापा मारा। हांलांकि यहां भी जांच के बाद टीम बिना कोई बात किए रवाना हो गई।
इसी दौरान सतर्कता अधिष्ठान अयोध्या सेक्टर के पुलिस अधीक्षक रमेश कुमार भारतीय और पुलिस क्षेत्रधिकारी रूपेंद्र गौड की अगुआई में टीम ने पूर्व विधायक के पयागपुर स्थित मुख्य घर पर छापेमारी की। लगभग तीन घंटे तक चली इस छापेमारी के दौरान पूर्व विधायक के पिता राजेंद्र श्रीवास्तव मौजूद रहे। लेकिन पूर्व विधायक मुकेश श्रीवास्तव व उनके छोटे भाई नगर पंचायत अध्यक्ष पयागपुर विपिन श्रीवास्तव मौके से नदारत रहें। छानबीन के बाद बाहर निकले पुलिस अधीक्षक विजिलेंस रमेश कुमार भारतीय से जानकारी का प्रयास किया गया। लेकिन उन्होंने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया और अपनी गाड़ी में बैठ कर चले गए।
क्या है पूरा मामला?
शासन ने वर्ष 2021 में मुकेश के खिलाफ खुली जांच का आदेश विजिलेंस को दिया था। मुकेश की संपत्तियों की जांच कर विजिलेंस ने अक्टूबर 2022 में शासन को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इस रिपोर्ट के अनुसार जांच के लिए निर्धारित अवधि में मुकेश की सभी वैध स्रोतों से कुल आय 1,12,65,635 रुपये थी जबकि इसी अवधि में उन्होंने चल-अचल संपत्तियां खरीदने और परिवार के भरण-पोषण में 1,79,96,526 रुपये खर्च किया। इस तरह अपनी आय के वैध स्रोतों से उन्होंने 67,30,891 रुपये अधिक खर्च किए जो वैध स्रोतों से कुल आय से 59.74 प्रतिशत अधिक है। मुकेश इस बारे में विजिलेंस को संतोषजनक जवाब भी नहीं दे सके। शासन की अनुमति मिलने पर विजिलेंस के इंस्पेक्टर आलोक कुमार राय ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसकी विवेचना शुरू कर दी है।
साल 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले मुकेश कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हो गए थे और सपा के टिकट पर चुनाव में भी उतरे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले सीबीआई ने मुकेश के के साथ-साथ उनकी पत्नी पूजा श्रीवास्तव को भी एनआरएचएम घोटाले में आरोपी बनाया था। मुकेश को इस मामले में जेल भी जाना पड़ा था। मुकेश पर पूर्व से भी कई मुकदमे दर्ज रहे।