बुलंदशहर। उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर की कोर्ट ने मासूम बच्चों की हत्या का मामले में तीन लोगों को फांसी की सजा सुनाई है। तीनों अभियुक्तों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। पीड़ित परिवार ने सरकार, कोर्ट और पुलिस को धन्यवाद दिया है।
अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम मनु कालिया के न्यायालय ने गवाहों के बयान, साक्ष्यों का अवलोकन और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलों को सुनकर तीनों आरोपी सलमान, बिलाल और इमरान को दोषी पाया, जबकि एक आरोपी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। बुधवार को तीनों अभियुक्तों को फांसी और एक-एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। मृतकों के परिजनों ने तीनों अभियुक्तों को फांसी की सजा के निर्णय की सराहना करते हुए इसे अल्लाह का न्याय बताया है।
क्या है मामला?
बुलन्दशहर सिटी कोतवाली क्षेत्र के फैसलाबाद में 25 मई 2019 को हाफिज के घर इफ्तार पार्टी का कार्यक्रम था। इफ्तार के बाद घर के बाहर खेल रहे तीनों बच्चे, जिसमें 8 वर्षीय अलीबा, पडोसी आलम की 7 वर्षीय बेटी आसमा और हसीन का 8 वर्षीय बेटा अब्दुल अचानक गायब हो गए थे। काफी ढूंढने के बाद भी जब बच्चे नहीं मिले तो परिजनों ने पुलिस को गुमशुदगी की सूचना दी। अगले दिन सुबह सलेमपुर थाना के गांव धतूरी में उनके गोली लगे हुए शव एक टयूबवैल की हौदी से बरामद हुए।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि बच्चों को 2-2 गोलियां मारी गई थीं। यानी कुल 6 गोलियां मारी गई। जिसके बाद पुलिस ने पीड़ित परिवार के घर के आसपास लगे सीसीटीवी कमेरे खंगाले। वहीं प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एक बाइक पर 3 युवक बच्चों को ले जा रहे थे। इसके बाद अधिकारीयों ने कई टीमों का गठन किया और आरोपियों को धर दबोचा। इस मामले का मुख्य आरोपी सलमान’ जहांगीराबाद थाने के जलीलपपर गाँव का रहने वाला है।
सलमान ने पूछताछ में बताया कि हाफिज के यहां इफ्तार पार्टी में उसकी बेइज्जती की गई थी, वो बिन बुलाए वहां चला गया था और उसको इफ्तार पार्टी से निकाल दिया था। जिसका उसने अपने दोस्तों बिलाल और इमरान के साथ मिलकर बदला लिया। हत्या करने वाला शख्स बिलाल तीनों बच्चों के मामा का बेटा था। बच्चों का परिचित होने के चलते उन्हें बहलाया फुसलाया उन्हें जंगल में लेकर गए और तब गोली मारकर उनकी बर्बर तरीके से हत्या की गई।