मिहींंपुरवा(बहराइच)। कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग में 50 बंदरों की मौत के मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएफओ ने दो फाॅरेस्ट गार्ड को निलंबित करने के साथ एक वन दरोगा को मुख्यालय से अटैच कर दिया है। जबकि दो वाचर बर्खास्त कर दिए हैं। रेंजर से स्पष्टीकरण भी तलब किया गया है। उधर डीएम ने भी मजिस्ट्रीरियल जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित कर दी है।
मिहींंपुरवा तहसील क्षेत्र के कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के मोतीपुर वन रेंज में खपरा वन चौकी के पास करीब 50 बंदरों को मारकर फेंक दिया गया था। सोशल मीडिया पर इस मामले का फोटो गुरुवार को वायरल होने के बाद हरकत में आए वन विभाग ने इसकी जांच के लिए कमेटी का गठन किया था। वही डीएम ने भी मोनिका रानी ने भी एसडीएम, सीओ नानपारा व डीएफओ की टीम बनाकर जांच को मौके पर भेजा। डीएम ने जल्द से जल्द इस मामले की पूरी रिपोर्ट भी तलब की है। इसके बाद मामले में रिपोर्ट दर्ज करवाने की तैयारी है। वहीं प्रदेश के वनमंत्री अरुण सक्सेना ने पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट तलब की है।
शुरुआती जांच में लापरवाही और ड्यूटी में वन नियम का पालन न करने के चलते फॉरेस्ट गार्ड ठाकुर प्रसाद को निलंबित कर दिया गया है। दो बीट वाचर की सेवा समाप्त कर दिया गया है। वन दरोगा गोपाल को जिला मुख्यालय से अटैच कर दिया गया है। वन क्षेत्राधिकारी सुरेंद्र तिवारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
डीएफओ आकाशदीप बधावन ने बताया कि वनकर्मियों को इसके बारे में पता चला लेकिन उच्चाधिकारियों को बताने के बजाय इसको दबाने का प्रयास किया गया। अभी तक की जांच में दस से अधिक बंदरों की मौत होने की बात सामने आई है। इस मामले में जो भी दोषी मिलेगा उसके खिलाफ केस दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।