मिहींपुरवा (बहराइच)। कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग में किसी ने 50 से अधिक बंदरों को मारकर उनके शव वन चौकी के पास फेंक दिए। इसका फोटो सोशल मीडिया में वायरल हुआ है। डीएफओ ने टीम गठित कर मामले की जांच शुरू करवा दी है। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण भी किया है।
कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग संरक्षित क्षेत्र है। यहां वन्यजीवों की फोटो लेना भी प्रतिबंधित है। कतर्नियाघाट में सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम हैं और वन विभाग लगातार गश्त का दावा करता है। बावजूद इसके कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के संरक्षित क्षेत्र में किसी ने 50 से अधिक बंदरों को मार कर उनके शव वन चौकी के पास फेंक दिए। इस घटना से वन विभाग की गश्त पर सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में शव फेंके गए फिर भी वन विभाग को कैसे पता नहीं चला।
डीएफओ आकाशदीप वधावन ने कह कि ‘कुछ कथित लोगों ने बंदरों को मारकर हमारी किसी चौकी के पास फेंक दिया गया था। इसके लिए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। मोतिपुर रेंजर्स के वन क्षेत्राधिकारी की अध्यक्षता में जांच टीम गठित की गई है। टीम में स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के जवान और डॉग स्क्वायज का दस्ता भी शामिल रहेगा।
डीएफओ ने आगे कहा कि जिन लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया है। उनके खिलाफ वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट और इंडियन फारेस्ट एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। अगर इसमें वन विभाग के किसी भी कर्मी ने लापरवाही बरती है तो उस पर भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।