लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने निजी और कामर्शियल वाहन स्वामियों को बड़ी सौगात दी है। सरकार ने यूपी में लंबे समय से वाहन चालान का भुगतान न करने वाले मालिकों को रियायत देते हुए उनका चालान निरस्त कर दिया है। प्रदेश में 1 जनवरी, 2017 से 31 दिसंबर, 2021 के बीच चालान काटे गये हैं, उनके सभी चालान निरस्त कर दिए गए हैं। इस फैसले से प्रदेश के लाखों वाहन मालिकों ने राहत की सांस ली है।
परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह ने सभी संभागीय परिवहन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि न्यायालय में उपसमित वादों की सूची प्राप्त कर इन चालानों को पोर्टल से डिलीट कर दिए जाएं। शासन की ओर से इस संबंध में निर्देश सभी संभागीय परिवहन कार्यालयों में भेज दिए गए हैं। आदेश में कहा गया है कि न्यायालय में लंबित चालान की सूची प्राप्त कर ई चालान पोर्टल से इसे हटा दिया जाए।
आदेश के मुताबिक, एक जनवरी 2017 से 31 दिसंबर 2021 की अवधि में काटे गए चालानों को निरस्त किया जा रहा है। परिवहन आयुक्त ने बताया कि उत्तर प्रदेश अध्यादेश संख्या 2 जून 2023 के माध्यम से यह व्यवस्था लागू की गई है कि पुराने लंबित चालान निरस्त करा दिए जाएं। मालूम हो कि नोएडा में किसान इस तरह से चालान को निरस्त करने की मांग करते हुए धरना दे रहे थे। इससे पूरे उत्तर प्रदेश में करोड़ों लोगों के चालान माफ होने का रास्ता साफ हो गया है।
इससे पहले योगी सरकार ने एक फैसले में उत्तर प्रदेश में वाहनों के फिटनेस टेस्ट को लेकर वाहन स्वामियों को बड़ी राहत दी थी। सरकार ने उत्तर प्रदेश मोटरयान नियमावली 1998 को संशोधित करते हुए यूपी के सभी वाहनों को किसी भी जनपद में फिटनेस सर्टिफिकेट प्राप्त करने की सुविधा दे दी है। शासन की ओर से इससे संबंधित अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
इस संशोधन के बाद नियमावली को उत्तर प्रदेश मोटरयान (29वां संशोधन) नियमावली 2023 कहा जाएगा। जानकारी हो कि अभी तक जो व्यवस्था थी, उसके तहत फिटनेस टेस्ट के लिए वाहन स्वामियों को फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए उसी जनपद में टेस्ट के लिए वाहन को ले जाना होता था, जहां उसकी रजिस्ट्री हुई हो।