बागपत। यूपी के बागपत में सहायक श्रम आयुक्त का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह अभद्रता करते और एक मोबाइल को जमीन पर पटकते नजर आ रही हैं। फिलहाल वीडियो वायरल होने के बाद अधिकारियों ने जांच शुरू करा दी है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो 23 मई का बताया जा रहा है। सहायक श्रम आयुक्त विनीता सिंह को भट्टे पर लेबर को बंधक बनाए जाने की सूचना मिली थी। इसके बाद वह पुलिस टीम के साथ भट्टे पर पहुंची और जांच पड़ताल शुरू की। वहां भट्टे पर मौजूद भट्टा मालिक अधिकारियों से उलझ गया। अधिकारियों और भट्टा मालिक के बीच बहस हुई। बहस के दौरान सहायक श्रम आयुक्त अपना आपा खो बैठीं और अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करती नजर आईं। एक हाथ से फोन को जमीन पर पटक दिया। इसका किसी ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया।
वायरल वीडियो में तीखी नोक-झोंक
वायरल हो रही वीडियो में अधिकारी और ईंट भट्ठा संचालक के बीच तीखी नोक-झोंक होती सुनाई देती है। इस दौरान अधिकारी से संचालक कहता हैं कि हम वीडियो शूट करेंगे तो आप मोबाइल फोन छीनेंगे? रिकॉर्डिंग डिलीट करेंगे। इस पर अधिकारी कहती सुनाई देती हैं, बिल्कुल करेंगे। इस पर भट्ठा संचालक उन्हें रिकॉर्डिंग डिलीट करने पर कोर्ट जाने की बात करता है। महिला अधिकारी कहती हैं कि आप हमारे अधिकारी से आप बदतमीजी करोगे तो हम चुप रहेंगे? इस पर संचालक सवाल करता है, हमने क्या बदतमीजी की? इस पर महिला अधिकारी कहती हैं, तुम अधिकारी से ऊंची आवाज में बात करोगे? महिला अधिकारी से बदतमीजी करोगे?
अधिकारी और भट्ठा संचालक के बीच नोक-झोंक के दौरान कुछ अधिकारी उसे हटाने लगते हैं। इस पर संचालक फोन छीनने और ऐसा करने वाला कौन हैं, की बात करता है। इस पर अधिकारी का पारा चढ़ जाता है। वे मोबाइल को जमीन पर पटक देती हैं। कहतीं हैं, अब पता चलेगा कौन हैं।
मामले की कराई जाए जांच
वीडियो वायरल होने के बाद विनीता सिंह का कहना है कि उन्होंने हाथ झटका था, मोबाइल नहीं तोड़ा। वीडियो एडिट कर उन्हें फंसाने के लिए बनाया गया है। सहायक श्रम आयुक्त का कहना है कि हर एक बिंदु पर गहनता से जांच कराई जाए जिसके बाद पूरे मामले की सच्चाई सामने आ सके।
‘हम पर लगा गलत आरोप’
इस मामले में ईंट भट्ठा मालिक ने एक वीडियो जारी कर अपना पक्ष रखा है। उसका यह वीडियो भी वायरल हो रहा है। इसमें भट्ठा संचालक कहता दिख रहा है कि हम पर गलत आरोप लगाया गया। भट्ठा में कर्मचारियों को बंधक बनाने की बात कही गई। अधिकारी जांच के लिए आए तो हमने पूरे भट्ठा का निरीक्षण कराया। इसके बाद उसने अधिकारी पर रिश्वत का आरोप लगाया। उसने कहा कि हमसे 1 लाख रुपए की मांग की गई। हमने 15 हजार रुपए दे दिए। 85 हजार रुपए बाद में देने की बात कही। इसके बाद 16 मई को एक बार फिर अधिकारी भट्ठे पर आए। हर जांच और बयान में मेरा पक्ष सही होने के बाद भी पैसे की मांग की गई। मेरे पास पैसे नहीं थे। इसके बाद 18 मई को फिर टीम आई।
भट्ठा मालिक ने कहा कि हम जब पैसे देने में असमर्थ रहे तो 23 मई को महिला अधिकारी हमारे दूसरे भट्ठे पर आई। हमने इंस्पेक्शन का वीडियो बनाना चाहा तो हमारे मोबाइल को छीन कर तोड़ दिया गया। इसके बाद मुझे पुलिस से पकड़कर थाने ले जाया गया। फर्जी मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया। कोर्ट में मेरे ऊपर साक्ष्य पेश नहीं किया जा सका। मैं बाहर आया हूं। उन्होंने कहा कि सीएम पोर्टल पर मैंने शिकायत की है। इस मामले में निष्पक्ष जांच कराई जाए। इस घटना से संबंधित सभी साक्ष्य हमारे पास मौजूद हैं।
भट्ठा मालिक समेत 3 पर मुकदमा
बागपत क्षेत्राधिकारी विजय चौधरी ने बताया कि सहायक श्रम आयुक्त की तहरीर के आधार पर भट्टा मालिक समेत तीन नामजद और अज्ञात पर मारपीट अभद्रता और सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने का मामला दर्ज किया गया है। पूरे मामले की पड़ताल की जा रही है जांच के बाद आवश्यक वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।