लखनऊ। दिल्ली स्थित यूपी भवन में एक महिला के साथ कथित तौर पर यौन शोषण का मामला सामने आया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को दिल्ली में यूपी भवन से जुड़े तीन जिम्मेदार अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। इसके साथ ही कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी भवन के व्यवस्था अधिकारी दिनेश कारूष को सस्पेंड करने के साथ ही राकेश चौधरी और पारस नाथ को भी निलंबित कर दिया है। आरसी और एआरसी पर भी कार्रवाई की तलवार लटकी है। अब राजीव तिवारी को यूपी भवन की जिम्मेदारी सौंप दी गई है।
दो नेताओं से मिलवाने के बहाने दुष्कर्म को दिया अंजाम
दिल्ली व मुंबई में रहने वाली अभिनेत्री ने चाणक्यपुरी थाना पुलिस को 27 मई को शिकायत दी थी। उसने शिकायत में कहा कि दो नेताओं से मिलाने की बात कहकर महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यवर्धन सिंह उसे यूपी भवन ले गए। वहां स्वागत पटल पर राकेश चौधरी और पारस मौजूद थे। इन लोगों ने आरोपी को कमरा उपलब्ध कराया। आरोपी व पीड़िता 26 मई को 1.05 बजे कमरे में गए। 27 मई की शाम को युवती ने परमार के खिलाफ थाने में शिकायत दी। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उसके साथ जबरदस्ती यौन संबंध बनाए गए। चाणक्यपुरी पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यूपी भवन का कमरा नंबर 122 सील कर दिया गया है।
कई स्तर पर की गई लापरवाही
यूपी भवन में ठहरने वाले महानुभावों की सूची राजवर्धन सिंह परमार नहीं है। इस लिए वरिष्ठ स्वागती पारस नाथ, कनिष्ठ सहायक स्वागती राकेश कुमार सिंह और आउटसोर्सिंग कर्मी नरेंद्र के जरिए परमार को कक्ष दिखाए जाने का औचित्य नहीं था। बताया गया कि इन सभी कर्मचारियों पर अवैधानिक और अनियमित कार्यवाही की गई है। इस मामले में यूपी भवन के व्यावस्थाधिकारी डॉ. दिनेश कुमार कारुष के जरिए भी पूरी कार्यवाही के पर्यवेक्षण में प्रथम दृष्टया गंभीर शिथिलता बरती गई हैं।