बहराइच। सड़क हादसे में घायल बालिका के इलाज में निजी क्लीनिक की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। क्लीनिक में ठीक ढंग से प्लास्टर नहीं किए जाने के कारण उसका पैर सड़ने लगा और आखिरकार डॉक्टरों को उसका पैर काटना पड़ा। मामले में डीएम ने सीएमओ को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
मोतीपुर थाने के दौलतपुर गांव निवासी अरविन्द गुप्ता पुत्र श्रीचंद्र की 10 वर्षीय बेटी रिम्मी गुप्ता को 10 जनवरी को तेज रफ्तार वाहन ने टक्कर मार दी थी। इस हादसे में रिम्मी गुप्ता के दांए पैर की हड्डी फ्रैक्चर हो गई थी। परिजनों ने आनन- फानन में उसे खैरीघाट थाने के रामपुर चौराहे पर स्थित एक क्लीनिक पर उसे ले जाया गया। आरोप है कि उसकी बेटी के पैर पर निजी क्लीनिक के डॉक्टर ने गलत तरीके से प्लास्टर चढ़ा दिया। बालिका के पैर में संक्रमण हो गया। परिजन पीड़िता बालिका को केजीएमयू लखनऊ ले गए। जहां बच्ची के पैर में इंफेक्शन बढ़ जाने के कारण उसका पैर काटना पड़ा।
परिजनों का कहना है कि रामपुर चौराहे पर स्थित निजी क्लीनिक पर इलाज में उनसे डेढ़ लाख रुपए ले लिया गया। सोमवार को अरविन्द पीड़ित बेटी रिम्मी को लेकर डीएम दफ्तर पहुंच कर शिकायत की। मामले को गंभीरता से लेकर डीएम डॉ. दिनेश चंद्र ने इस संबंध में सीएमओ को जांच करा कर कार्यवाई करने का निर्देश दिया है।
सीएमओ डॉ. एसके सिंह ने बताया कि कि मामला संज्ञान में आया है। क्लीनिक अपंजीकृत मिलने पर सील करा दिया गया था। आरोपित झोलाछाप चिकित्सक पर केस दर्ज कराया जा रहा है।