लखनऊ। उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग समाप्त हो गई है। गुरुवार को 38 जिलों में 6 बजे तक मतदान हुआ है। हालांकि वोटिंग के दौरान कई जगह छिटपुट घटनाएं देखने को मिली। मतगणना 13 मई को होगी।
राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने गुरुवार देर शाम बताया दूसरे चरण में 38 जिलों में कुल 53 प्रतिशत मतदान हुआ है जिसमें अमेठी में 64.9 प्रतिशत , अम्बेडकर नगर में 62.86 प्रतिशत, अयोध्या में 52.6 प्रतिशत, अलीगढ़ में 50.48 प्रतिशत , आजमगढ़ में 57.49 प्रतिशत , इटावा में 53.76 प्रतिशत, एटा में 56.72 प्रतिशत, औरैया में 62.56 प्रतिशत, कन्नौज में 64.6 प्रतिशत , कानपुर देहात में 67.37 प्रतिशत , कानपुर नगर में 42.64 प्रतिशत , कासगंज में 59.94 प्रतिशत, गाजियाबाद में 45.52 प्रतिशत, गौतमबुद्ध नगर में 57 प्रतिशत, चित्रकूट में 55.53 प्रतिशत, पीलीभीत में 62.16 प्रतिशत, फर्रूखाबाद में 56.06 प्रतिशत, बदायूं में 59.56 प्रतिशत, बरेली में 50.49 प्रतिशत , बुलन्दशहर में 62.48 मतदान, बलिया में 56.18 प्रतिशत मतदान हुआ है।
इसके अलावा बस्ती में 57.19 प्रतिशत , बागपत में 63.12 प्रतिशत , बांदा में 57.25 प्रतिशत, बाराबंकी में 53.4 प्रतिशत, भदोही में 60.19 प्रतिशत, मऊ में 50.01 प्रतिशत, मेरठ में 50.01 प्रतिशत, महोबा में 64.91 प्रतिशत , मीरजापुर में 54.08 प्रतिशत , शाहजहाँपुर में 55.48 प्रतिशत, संतकबीर नगर में 62.42 प्रतिशत, सुलतानपुर में 59.06 प्रतिशत, सिद्धार्थ नगर में 59.78 प्रतिशत, सोनभद्र में 51.39 प्रतिशत, हमीरपुर में 66.9 प्रतिशत, हाथरस में 57.57 प्रतिशत एवं हापुड़ में 55.94 प्रतिशत मतदान हुआ है।
कानपुर नगर के नगर पंचायत बिल्हौर के सदस्य पद के वार्ड संख्या 16 के मतदान स्थल संख्या 16 एवं वार्ड संख्या 22 के मतदान स्थल संख्या 22 तथा अध्यक्ष पद के मतदान स्थल संख्या 16, 22 एवं 25 पर शुक्रवार सुबह सात बजे से पुनर्मतदान कराया जाएगा। नगर पंचायत बिल्हौर के वार्ड संख्या, 16,22 एवं 25 में कतिपय लोगों द्वारा मतपेटियों में पानी डालने की शिकायत मिलने पर पुर्नमतदान कराने का निर्णय लिया गया है।
स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए 12 हजार 103 पुलिस निरीक्षक और उपनिरीक्षकों के साथ 57 हजार 201 सिपाही तथा 40 हजार 525 होमगार्डों को तैनात किया गया था। इसके अलावा पीएसी की 76 कंपनियां, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 35 कंपनियां और सात हजार 935 प्रशिक्षु उपनिरीक्षक भी तैनात किए गये थे।