वाराणसी। यूपी के वाराणसी में गुरुवार को नगर निकाय चुनाव में हैरतअंगेज मामला सामने आया। यहाँ एक वार्ड में 48 लोगों को एक ही घर का निवासी बताया गया और सभी लोगों का पिता भी एक ही है। हालाँकि इनमे से कोई भी वोट डालने नही आया।
भेलूपुर के शंकुलधारा स्थित वार्ड नंबर 51 की लिस्ट में क्रम संख्या 243 से 284 तक जब पिता का नाम देखा गया तो सभी में राम कमल दास लिखा मिला। इसे लेकर मतदाता सूची तैयार करने वाले कर्मचारियों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठे। सपा सहित अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने फर्जीवाड़े का आरोप लगाकर जिला निर्वाचन अधिकारी से जांच करा कर दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की।
थानीय लोगों ने बताया कि राम कमल दास वेदांती महाराज खोजवां स्थित राम मंदिर में गुरु दीक्षा देते हैं। वह अमेरिका में हैं। राम कमल दास वेदांती महाराज के प्रतिनिधि के अनुसार, मतदाता सूची में जो भी नाम हैं, वह वेदांती महाराज के शिष्यों के हैं। मठ के ब्रह्मचारी शिष्य अपने गुरु को पिता मानते हैं और वही लिखते भी हैं। लेकिन यह मतदाता सूची ढाई दशक से ज्यादा पुरानी है और उसे अपडेट नहीं किया गया है। इसी वजह से वह नाम आज भी मतदाता सूची में जस के तस हैं।
राम कमल दास के एक शिष्य ने बताया कि आज की तारीख में सारे लोगों के पिता का नाम बदल चुके हैं। शास्त्रों में ऐसा है कि जब तक हम ब्रह्मचारी रहते हैं तो पिता के नाम में गुरु का नाम लिखते हैं। राम भारत का कहना है कि इसे भारत सरकार भी मानती है। मार्कशीट में भी ऐसा किया जाता है।
निर्वाचकों की लिस्ट में घालमेल
समाजवादी पार्टी के जिला सचिव रमेश वर्मा ने बताया कि वे वोट डालने गए थे। इस दौरान उनकी नजर इस लिस्ट पर गई। उन्होंने देखा और पुलिस प्रशासन से इसकी शिकायत की। रमेश वर्मा ने कहा कि मेरी नजर में यह गड़बड़ी है। ऐसा तकनीकी रूप से कैसे सही हो सकता है कि सबके पिता एक ही हो। यदि यह लिस्ट पुरानी है तो BLO की कमी है उसे अपडेट नहीं किया।