लखनऊ। योगी सरकार ने शिक्षक भर्ती को लेकर मंगलवार को बड़ा फैसला लिया है। शिक्षा विभाग की बैठक में तय हुआ है कि यूपी में शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन होगा। मदरसे समेत सभी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति यही आयोग करेगा। यही नहीं, टीईटी की परीक्षा भी यही आयोग करवाएगा।
प्रदेश में बेसिक, माध्यमिक, उच्च और प्राविधिक शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के चयन के लिए अलग-अलग प्राधिकारी, बोर्ड और आयोग गठित हैं। अभी तक परीक्षा नियामक प्राधिकारी, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग और उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग के अलावा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के जरिए शिक्षकों की भर्ती हो रही थी। लेकिन अब शिक्षा सेवा चयन आयोग ही शिक्षकों की भर्ती होगी।
माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने बताया कि सरकार का कहना है कि जब टीचर की भर्ती ठीक होगी, काबिल टीचर बच्चों को पढ़ाएंगे तो यूपी में शिक्षा का स्तर सुधरेगा। इसका फायदा सीधे छात्र-छात्राओं को होगा। शिक्षा भर्तियों की परीक्षाओं में पूर्ववर्ती सरकार के दौरान हुईं धांधली औऱ अनियमितता के कारण भी शिक्षकों की भर्ती पर असर पड़ा है। ऐसे में चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और भर्ती प्रक्रिया को समय पर पूरा करने के लिए ये कदम उठाया गया है।
जानिए कैसा होगा नया बोर्ड
इस नवीन एकीकृत आयोग में विश्वविद्यालयों के कुलपति जैसे महनीय पद अथवा भारतीय प्रशासनिक सेवा का सुदीर्घ अनुभव रखने वाला व्यक्ति अध्यक्ष होगा। इसी प्रकार, सदस्यों में वरिष्ठ न्यायाधीश और अनुभवी शिक्षाविदों को स्थान दिया जाएगा। आयोग में अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति/जनजाति, महिला एवं अल्पसंख्यक वर्ग का भी प्रतिनिधित्व होगा।
इन कॉलेजों में भी भर्ती करेगा बोर्ड
राजकीय महाविद्यालय, अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालय, संस्कृत महाविद्यालय और अल्पसंख्यक महाविद्यालय, राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों, एडेड पॉलिटेक्निक कॉलेज तथा अशासकीय सहायता प्राप्त मदरसों में नवीन एकीकृत आयोग ही चयन प्रक्रिया आयोजित करेगा।