लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुरक्षा और कानून के राज को सुशासन की पहली शर्त बताया है। सीएम ने नवचयनित 9,055 एसआई सिविल पुलिस, प्लाटून कमांडर पीएसी और अग्निशमन द्वितीय अधिकारियों के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में कहा कि अपराधी से दस कदम आगे सोचने की क्षमता जब हमारे पास होगी, तभी हम अपराधी पर नियंत्रण पा पाएंगे।
मिशन रोजगार के तहत इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में हुए कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि पुलिस के इकबाल को तोड़ने वाला खुद को टूटा हुआ महसूस करे। कानून के साथ खिलवाड़ करने वालों के साथ पुलिस को जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस का इकबाल बना रहेगा तो हर जवान और अधिकारी का सम्मान बना रहेगा। आम आदमी के प्रति पुलिस का व्यवहार मित्रतापूर्ण और सद्भावनापूर्ण होना चाहिए लेकिन अपराधी और कानून के साथ खिलवाड़ करने वाले के साथ पुलिस को जीरो टालरेंस की नीति पर कार्य करना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी ने पुलिस अधिकारियों को समय के अनुरूप तैयार रहने की नसीहत दी। कहा, पहले अपराध की चुनौती भौगोलिक हुआ करती थी, आज उसकी नई प्रवृत्ति बनी है। अपराधी से दस कदम आगे सोचने की क्षमता जब हमारे पास होगी तभी हम अपराध पर नियंत्रण पा पाएंगे।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेश में साइबर क्राइम को रोकने के लिए 18 रेंज में साइबर थाने और हेल्प डेस्क की कार्रवाई को आगे बढ़ाया है। महिला सुरक्षा के क्षेत्र में भी प्रदेश सरकार ने बेहतरीन कार्य किया है। ई-प्रॉसीक्यूशन लागू करने वाले देश के सबसे अग्रणी राज्यों में उत्तर प्रदेश है। आज प्रदेश के सात नगरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू है, जो लोगों के मन के सुरक्षा का भाव का पैदा कर रही है।
प्रदेश से अपराधी कर रहे पलायन
सीएम योगी ने कहा कि आज प्रदेश से अपराधी पलायन कर रहे हैं। सुरक्षा के कारण यह संभव हो पाया है। उन्होंने विशेष तौर पर यूपी में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस-23) का जिक्र करते हुए कहा कि देश और दुनिया का हर निवेशक उप्र में आया, जो निवेशक पहले यूपी में आने में डरते थे, वे तीन दिन तक लखनऊ में रहे।
1.60 लाख युवाओं की हुई पुलिस में भर्ती
योगी ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश के पुलिसकर्मियों के डेढ़ लाख से अधिक पद रिक्त थे। मिशन रोजगार के जरिए हमारी सरकार 1.60 लाख से अधिक युवाओं को पुलिस बल से जोड़ा। पीएसी की 54 से अधिक कंपनियां समाप्त कर दी गईं थीं। फायर बिग्रेड के नाम पर विभाग तो था, लेकिन बुनियादी सुविधाएं नहीं थी। आज अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त हमारा फायर बिग्रेड खड़ा है।