अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि में राम मंदिर का 70% निर्माण पूरा हो चुका है। गर्भगृह के पिलर 14 फीट तक बनकर तैयार हो चुके हैं। अगले साल जनवरी में मकर संक्रांति के पर्व पर मंदिर के गर्भ गृह में राम लला को भव्य कार्यक्रम में विराजमान करवाया जाएगा।
शुक्रवार को श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट की तरफ से मीडिया को परिसर में बुलाया गया। करीब एक घंटे तक उन्हें राम मंदिर के अब तक हुए निर्माण को दिखाया गया। मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि अक्तूबर 2023 तक मंदिर के प्रथम तल का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। 2024 मकर संक्रांति तक भगवान रामलला की मंदिर के गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी तक जो तैयारी है उसके मुताबिक प्राण प्रतिष्ठा का काम 1 जनवरी से 14 जनवरी के बीच करने की योजना है।
मंदिर निर्माण तीन चरणों में चल रहा है, 2025 तक मंदिर आकार ले चुका होगा। हालांकि जनवरी 2024 में मंदिर में दर्शन-पूजन शुरू हो सकेगा। मंदिर निर्माण में करीब 800 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। कुल खर्च का अनुमान करीब 1800 करोड़ रुपए लगाया गया है।
मंदिर के चारों तरफ 800 मी लंबाई और 40 फीट की चौड़ाई में परकोटा बन रहा है। जिसमें 14 फुट का मंदिर का परिक्रमा मार्ग भी बनेगा। इसके अलावा मंदिर में करीब 7 हजार मूर्तियां बनेंगी उसके साथ ही परकोटा व परिक्रमा मार्ग की दीवारों पर भी प्रभु राम के जीवन प्रसंग से जुड़े करीब 100 चित्र पत्थरों पर उकेरे जाएंगे। राम लला की मूर्ति के निर्माण का काम भी जल्द शुरू हो जाएगा। यह प्रतिमा साढ़े पांच फुट ऊंची होगी। यह मूर्ति खड़ी मुद्रा में और पत्थर की होगी। इसके निर्माण की डिजाइन तीन मूर्ति निर्माण विशेषज्ञों की टीम तैयार कर रही है।