कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस की गुंडागर्दी से एक सब्जी विक्रेता के दोनों पैर कट गए। युवक की हालत गंभीर देखते हुए उसको लखनऊ के पीजीआई में रेफर कर दिया। इस मामले में डीसीपी वेस्ट ने बदसलूकी करने वाले हेड कॉन्स्टेबल को सस्पेंड कर दिया और मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
कल्याणपुर साहब नगर के रहने वाले सलीम अहमद का बेटा 18 वर्षीय अर्शलान उर्फ लड्डू सब्जी बेचता है। रोज की तरह शुक्रवार शाम को भी वह कल्याणपुर क्रॉसिंग के बगल जीटी रोड किनारे सब्जी बेच रहा था। तभी इंदिरा नगर चौकी में तैनात दरोगा शादाब खान सिपाही राकेश के साथ मौके पर पहुंचकर गाली-गलौज करते हुए दुकानदारों को खदेड़ने लगे। इस दौरान सब्जी वाला पुलिस दीवान से हाथ जोड़कर प्रार्थना करता रहा, ‘तराजू मत पर फेंकिए, मैं दुकान हटा रहा हूं…” लेकिन दीवान ने उसकी एक न सुनी और तराजू समेत कुछ समान उठाकर रेलवे पटरी पर फेंक दिया।
इससे अर्शलान दहशत में आ गया। उसे कुछ समझ ही नहीं आया कि ट्रेन आ रही है और क्रासिंग पर पड़े तराजू को उठाने के लिए दौड़ा। इसी दौरान वह तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आ गया और उसके दोनों पैर कट गए।
इधर घटना के बाद दारोगा व सिपाही के हाथ पर फूल गए। खून से लथपथ अर्सलान को आनन-फानन एलएलआर अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।कल्याणपुर एसीपी विकास पांडेय ने बताया कि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। घटना की सूचना पर डीसीपी पश्चिम विजय ढु़ल भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिसकर्मियों की लापरवाही सामने आने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने तत्काल प्रभाव से हेड कॉन्स्टेबल राकेश कुमार को सस्पेंड कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए है कि साथ में मौजूद दरोगा की भूमिका की भी जांच की जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि अर्शलान के दोनों पैर कटने के साथ ही अधिक खून बह जाने से उसकी हालत नाजुक है।
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया- दहशत में उठ नहीं पाया
प्रत्यक्षदर्शी शानू ने बताया कि लड़का रेलवे लाइन किनारे जीटी रोड पर टमाटर बेच रहा था। पुलिस ने उसका तराजू उठाकर रेलवे लाइन पर फेंक दिया। वह रेलवे लाइन पर तराजू उठाने गया तो उसके भीतर इतनी दहशत थी कि वह उठ ही नहीं पाया। इतने में ट्रेन की चपेट में आ गया और उसके दोनों पैर कट गए।