मिहींपुरवा। मोतीपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पड़रिया में पिछले दिनों वनविभाग द्वारा गांव के करीब आधे से ज्यादा गांव और खेत उजाड़ दिए गये। वनविभाग का कहना था कि यह उसका उसका जंगल है, ग्रामीणों ने इसपर सालों से अवैध कब्ज़ा कर रखा है।
बताते चलें कि शुक्रवार को कृषि विभाग के लोग इसी गांव में कृषि पाठशाला लगाने पहुंचे थे लेकिन गांव वालों ने इसका विरोध किया जिसका नतीजा ये हुआ कि कृषि विभाग के लोगों को वापस जाना पड़ा। लोगों के घर उजड़ जाने से उनका प्रशासन के खिलाफ काफी गुस्सा था। शनिवार को फिर से कृषि विभाग कृषि पाठशाला लगाने पहुंचा तो गांव के लोग उग्र हो गये। सबने वनविभाग और सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरु कर दी। बता दें कि इस बार कृषि पाठशाला के साथ नोडल अधिकारी भी पहुंचे थे। गांव वालों ने शनिवार को नोडल अधिकारी के सामने ही नारेबाजी शुरु कर दी। आखिरकार फिर कृषि विभाग के लोगों को वापस जाना पड़ा।
बताते चलें कि पड़रिया गांव में दलित की आबादी करीब 5 हजार है। एक तरफ जहां योगी सरकार दलित के हित की बात करती है वहीं दूसरी तरफ उसकी नाक के नीचे लोगों के घर और खेत उजाड़े जा रहे हैं। गांव वालों का साफ़ कहना है कि जबतक सरकार उनके आशियाने नहीं लौटाएगी लोग किसी भी सरकारी योजना का लाभ नही लेंगे। अगर प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नही उठाया गया स्थिति और भी बिगड़ सकती है। विरोध करने वालों में रामचन्द्र, मोतीलाल, गामा प्रसाद, राजेश कुमार, सुरेन्द्र कुमार, हीरा चौधरी, राम अवतार, कमेलश व अन्य लोग मौजूद रहे।