लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार शत्रु संपत्तियों से गैर-कानूनी कब्जे को हटाने के लिए प्रदेश भर में अभियान शुरू करने के तैयारी में है। इन संपत्तियों से अतिक्रमण हटाने के लिए प्रमुख सचिव स्तर का नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।
सीएम योगी ने बैठक में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का पालन करने के सख्त निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने कहा कि राज्य के अलग-अलग जिलों में शत्रु संपत्तियों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार की उपेक्षा के चलते जो भी मूल्यवान संपत्तियां अवैध कब्जे में हैं, उन्हें मुक्त किया जाए।
वहीं मौजूदा बाजार भाव को देखते हुए शत्रु संपत्तियों का आकलन भी किया जाएगा। आकलन करने के बाद इन पर किराया दर तय किया जाएगा। वहीं अवैध कब्जे के मामले में सबसे आगे चल रहे जिला शामली में 482 शत्रु संपत्तियां हैं, जिनमें से 268 अवैध रूप से कब्जे में हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर कौशांबी है, जहां पर 456 शत्रु संपत्तियां हैं। इनमें से 197 पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है।
किरायेदारों की संपत्तियों का दोबारा होगा मूल्यांकन
सरकार किराए पर दी गई संपत्तियों का दोबारा मूल्यांकन भी कराने जा रही है। इन पर दशकों से काबिज किराएदार अभी तक मामूली किराया देते रहे हैं। इसको देखते हुए शत्रु संपत्तियों का बाजार दर के हिसाब से आंकलन किया जाएगा। उसके बाद फिर से सर्किल रेट के हिसाब से किराए की दरें तय की जाएंगी।
क्या है शत्रु संपत्ति
भारत विभाजन के बाद बहुत सारे लोग अपनी संपत्ति हिंदुस्तान में छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे, उनकी संपत्ति सहित 1962 के भारत-चीन और 1965 के भारत-पाक युद्ध के बाद भारत सरकार ने इन देशों के नागरिकों की संपत्तियों को सीज कर दिया। इन्हीं सम्पत्तियों को शत्रु संपत्ति कहा जाता है।