लखनऊ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव को चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा है। जिसमें उनकी ओर से लगाए गए एक गंभीर आरोप के लिए सबूत मांगे गए हैं। आयोग ने कहा कि सपा अध्यक्ष इस बारे में 10 नवंबर तक सबूत उपलब्ध करवाएं।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अखिलेश यादव ने 29 सितंबर को चुनाव आयोग पर यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने भाजपा के पन्ना प्रमुखों के निर्देश पर हर विधानसभा क्षेत्र से 20 हजार यादव-मुस्लिम मतदाताओं के नाम मतदाता सूची हटा दिए हैं। कुछ लोगों को तो एक बूथ से दूसरे बूथ पर ट्रांसफर कर दिया गया।
अखिलेश यादव ने कहा था कि यूपी में जो सरकार बनाई गई है वो जनता की बनाई हुई नहीं है। ये सरकार छीनी हुई है। यूपी में पूरी की पूरी मशीनरी लगाकर जनता की बनाई हुई सरकार छीन ली गई है।
चुनाव आयोग ने अपनी नोटिस में कहा के कहा है कि अखिलेश यादव को अपना आरोप प्रमाणित करना चाहिए। इसके लिए गुरुवार को आयोग ने उन्हें को मतदाता सूची से यादव- मुस्लिम वोटों को वोटर लिस्ट से हटाने के सबूत मांगे हैं। नोटिस में सबूत पेश करने के लिए 10 नवंबर तक का समय दिया है।