नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक सनसनीखेज वारदात का खुलासा हुआ है। पुलिस ने ऐसे शातिर गैंग को पकड़ा है जो होटल में कैमरा लगाकर कपल को ब्लैकमेल करते थे। पुलिस ने इस गैंग के चार आरोपियों को हिरासत में लिया है।
नोएडा सेंट्रल जोन के एडीसीपी साद मियां खान ने बताया कि एक युवती और उसके प्रेमी ने अश्लील वीडियो द्वारा ब्लैकमेल किए जाने की शिकायत की थी। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने उसने डेढ़ लाख रुपए की रंगदारी मांगी है। आरोपियों को 17 हजार रुपये की पहली किस्त भेज भी दी लेकिन उनकी पैसे की मांग और बढ़ने लगी। जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी थी। जांच में जब पुलिस ने रंगदारी मांगने वाले गाजियाबाद के गढ़ी चौखंडी के विष्णु सिंह और खोड़ा के अब्दुल वहाब को गिरफ्तार किया।
जांच में सामने आया कि अब्दुल वहाब और विष्णु सिंह ने बीते दिनों कोतवाली क्षेत्र स्थित ओयो से संबंधित एक होटल में कमरा बुक कराया और चुपके से वहां 25 दिन के लिए होल्डर कैमरा लगा दिया। इस दौरान कई लोग इस कमरे में ठहरे और उनकी निजी तस्वीरें और वीडियो इसमें कैद होती रही। कुछ समय बाद दोनों ने होटल में फिर वही कमरा बुक कराया और कैमरा निकाल लिया।
कैमरे में एक ऐसे कपल की वीडियो कैद हुई जो कमरे में आपत्तिजनक स्थिति में थे। इसके बाद दोनों शातिरों ने संबंधित कपल के पास वीडियो और तस्वीर भेजी और उसे इंटरनेट मीडिया के विविध प्लेटफार्म पर प्रसारित करने की धमकी देते हुए डेढ़ लाख रुपये की मांग की और 17 हजार रुपए वसूले थे। आशंका जताई जा रही है कि आरोपी युवकों ने अन्य होटलों में भी इस तरह से हिडन कैमरे लगाए होंगे लेकिन अभी अन्य वीडियो की जानकारी पुलिस को नहीं मिली है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
दोनों आरोपितों ने पूछताछ के दौरान दो अन्य गिरोह के बारे में जानकारी दी। सूचना के आधार पर छिजारसी के पंकज और गाजियाबाद के विजयनगर के अनुराग कुमार सिंह को भी दबोचा गया। एडिशनल डीसीपी साद मियां खां ने बताया कि पंकज भोले-भाले लोगों को नौकरी दिलाने के बहाने उनके बैंक खाते खुलवाता था और सिम एक्टीवेट कराकर अवैध धंधे में संलिप्त शातिरों को सिम और खाते उपलब्ध करा देता था।
वहीं अनुराग अनधिकृत काल सेंटर चलाकर आइफोन ओएलएक्स के माध्यम से अपनी दुबई की कंपनी का बताकर सस्ते दामों पर देने का झांसा लेकर लोगों को फंसाता था। इस प्रकार दोनों ने लोगों के साथ करोड़ों रुपये की ठगी की है। अनुराग अपने साथियों के साथ मिलकर आठ काल सेंटर संचालित करता था, जिससे करीब दो लाख रुपये की कमाई रोजाना होती थी। अवैध काल सेंटर पिछले दो साल से संचालित हैं।