लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि सांड और नीलगाय के हमलों में होने वाली मौत पर मृतक के परिवार को मुआवजा दिया जाएगा। राज्य सरकार ने सांड़ और नीलगाय के हमले से होने वाली मृत्यु को राज्य आपदा घोषित कर दिया है। राजस्व विभाग की ओर से इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी गई है। राज्य में सांड और नीलगाय के बढ़ते हमलों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
राजस्व विभाग ने केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित आपदा राहत की नई सहायता राशि को प्रदेश में लागू करने की मंजूरी दे दी है। इस फैसले के तहत आपदा में किसी व्यक्ति के 40 से 60 प्रतिशत तक अपंग होने पर 59,100 रुपये के स्थान पर अब 74 हजार रुपये की मदद राज्य आपदा मोचन निधि से दी जाएगी। इसी तरह 60 से 80 प्रतिशत तक अपंग होने पर 2 लाख के स्थान पर 2.50 लाख रुपये मिलेंगे। सांड व नीलगाय के हमले से होने वाली मौत को आपदा की श्रेणी में रखा गया है।
प्राकृतिक आपदा में चोटिल होने पर एक सप्ताह से अधिक अवधि के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर 16 हजार रुपये मिलेंगे। अब तक पीड़ितों को 12,700 रुपये मिलते थे। वहीं, एक सप्ताह से कम अवधि तक भर्ती होने पर 4200 के स्थान पर 5400 रुपये मिलेंगे।
आपदा में किसी परिवार की आजीविका प्रभावित होने पर पहले 60 रुपये प्रति वयस्क, 45 रुपये प्रति अवयस्क 30 से 90 दिन तक मिलते थे। अब परिवार के दो वयस्कों को 213 रुपये प्रतिदिन की दर से 30 से 90 दिन तक गुजारा भत्ता मिलेगा। कपड़े नष्ट होने पर 1800 की जगह 2500 रुपये और बर्तन नष्ट होने पर 2000 की जगह 2500 रुपये दिए जाएंगे।
राज्य में पिछले काफी समय से सांडों के हमलों की घटनाएं बढ़ने लगी थीं और ग्रामीण इलाकों में खेतों में नीलगायों के हमलों की भी घटनाएं सामने आई थीं। ऐसे में मांग की जा रही थी कि इनसे होने वाली मौतों को भी राज्य आपदा में घोषित किया जाए।
यूपी सराकर आपदा से किसी व्यक्ति की मौत होने पर उसके परिवार को 4 लाख रुपए का मुआवजा देती है। इससे पहले तक राज्य सरकार ने 10 तरह की आपदाओं से मृत्यु पर उन्हें आपदा घोषित किया था। इन आपदाओं में बेमौसम भारी बारिश, आंधी-तूफान, नाव दुर्घटना, सीवर सफाई वे गैस रिसाव, लू-प्रकोप, बिजली गिरने, बोरवेल में गिरने से होने वाली दुर्घटना, नदी, झील, तालाब, पोखर, नहर, नाला, गड्ढा, मानव-वन्य द्वंद्व और कुआं, जल प्रपात में डूब कर होने वाली मौत शामिल हैं।