बहराइच। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे करने के बाद 351 बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जायेगी। प्रदेश में राहत व बचाव कार्यों के लिए धन की कमी आड़े नहीं आयेगी।
मोतीपुर में स्थित सिंचाई कालोनी परिसर में बुधवार शाम पांच बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वे कर बाढ़ का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित ग्राम गिारगिट्टी के 27, गौडहिया के 73, सोगवा के 64, गोपिया के 101, बोझिया के 10 व कुड़वा के 76 कुल 351 बाढ़ प्रभावित लोगों को बाढ़ राहत सामग्री के तौर पर 10-10 किलो आटा, चावल व आलू, 12 कि.ग्रा. अरहर की दाल, 250-250 ग्राम हल्दी, मिर्च व धनिया, 500 ग्राम नमक तथा 1 लीटर रिफाइन्ड तेल, आयुष किट तथा एक-एक अदद कम्बल का वितरण किया।
मुख्यमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह समय बाढ़ का नहीं है, लेकिन संभवता पहली बार अक्टूबर महीने में इस क्षेत्र में हम सब को बाढ़ देखने को मिल रही है। पिछले दस दिनों से प्रदेश के अन्दर मूसलाधार बारिश हुई है। सभी बाढ़ ग्रस्त इलाकों का मैं दौरा कर रहा हूं। कल जल शक्ति मंत्री को भी मैंने बहराइच भेजा था बाढ़ राहत कार्य युद्ध स्तर पर आगे बढ़ सके यही सब निरीक्षण और प्रशिक्षण करने में आज मै यहीं पर आया हूं, जनप्रतिनिधि इन क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों को सूखा खाद्यान्न वितरित करने के भी निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि जहां पर लोग बाढ़ शिविरों में शरण लिये हुए हैं, वहां पर प्रभावित लोगों को लंच पैकेट का वितरण कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं। बचाव और राहत कार्यो के लिए पर्याप्त संख्या में मोटर बोट और नावें भी लगायी गई हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में संचालित राहत और बचाव कार्यों के हालात जानने के लिए भ्रमण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा जनहानि के मामलों में वारिसान को अनुमन्य आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है तथा जिन लोगों ने बाढ़ व कटान के कारण अपने घर खो दिये हैं उन्हें शीर्ष प्राथमिकता पर आवास योजना से लाभान्वित किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिवृष्टि के कारण अन्नदाताओं को हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार अत्यन्त गम्भीर है। जिले के अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि जनपद में फसलों की हुई क्षति का आंकलन कर रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराएं ताकि प्रभावित किसानों को जल्द से जल्द मुआवज़ा दिलाया जा सके।