मुरादाबाद। यूपी के मुरादाबाद में जन सुविधा केंद्र संचालक ने यातायात पुलिस और न्यायालय की आईडी हैक कर ली। उसने ई चालान की धनराशि कम और डिलीट करके सरकार का लाखों रुपये का राजस्व नुकसान पहुंचा दिया। पुलिस ने जन सुविधा संचालक समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। जबकि इस गिरोह में शामिल तीन आरोपी फरार हैं। इन ठगों ने ई-चालन की सरकार को लाखों रुपए के राजस्व का चूना लगाया है।
मुरादाबाद एसएसपी हेमंत कुटियाल ने बताया कि ट्रैफिक कार्यालय में तैनात अंकित ने मझोला थाने में एक तहरीर दी थी। जिसके आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। जिसके बाद एसओजी टीम, साइबर सैल और मझोला पुलिस ने 5 अक्टूबर को टीपी नगर से गिरोह का सरगना शाने आलम और जावेद को गिरफ्तार किया था।
शाने आलम पहले अपने भाई की नल-पंप की दुकान पर काम करता था। यहां से ही उसने लोगों के ई चालान जमा करने का काम शुरू किया था। इसके बाद वह मैनाठेर के असदपुर निवासी जावेद के संपर्क में आया। तब दोनों ने आरटीओ कार्यालय के पास जन सुविधा केंद्र खोल लिया और ई चालान जमा करने लगे। आरोपी मुरादाबाद निवासी लोगों के दूसरे जनपदों में भी जाकर ई चालान जमा करते थे। शाने आलम एक दिन कुशीनगर ई चालान जमा करने गया था। वहां आरोपी के सामने ही कर्मचारी ने धीरे धीरे आईडी खोली थी। तब उसने पूरी प्रक्रिया समझ ली थी। वहां से लौटने के बाद आरोपी ने वो ही आईडी अपने कंप्यूटर पर खोलकर देखी। जिसमें वह सफल हो गया था।
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि पहले लॉगिन करने के लिए पासवर्ड भरा जाता था। इसके बाद पुलिस विभाग की ओर से ई चालान की धनराशि जमा करने पर ओटीपी का प्रावधान कर सुरक्षा प्रक्रिया का समावेश किया गया। तब आरोपी शाने आलम ने अपना मोबाइल नंबर मुरादाबाद यातायात पुलिस की आईडी के साथ लगा दिया था। तब आईडी खोलने पर उसके पास भी ओटीपी आने लगा था। आरोपी पूरी साइट को खोलने में सफल रहता था।
एक साल से चल रह था खेल, पुलिस को भनक तक नहीं
आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह पिछले एक साल से ई चालान की धन राशि कम और डिलीट कर रहे थे लेकिन पुलिस और संबंधित विभागों को इसकी भनक तक नहीं लगी। आरोपी शाने आलम ने ये भी पुलिस को बताया कि वह अब तक पंद्रह लाख रुपये का राजस्व नुकसान कर चुका है। हालांकि ये धनराशि इससे भी ज्यादा हो सकती है।
दोनों अभियुक्तों के पास से पुलिस ने एक लैपटॉप, दो एलसीडी, दो सीपीयू, पांच प्रिंटर, एक की-बोर्ड, मोहर बनाने की मशीन, छह क्यूआर कोड, एक नोटबुक रजिस्टर, 15 मोहरे, एक पेनड्राइव, चार भुगतान रशीद, आठ बैंक चैकबुक, 09 बैंक पासबुक और 09 डेबिट/क्रेडिट कार्ड भी बरामद किए है।
ई-चालन पोर्टल पर ओटीपी का भी निकाल लिया हल
एसएसपी ने जानकारी देते हुए बताया कि शाने आलम ने चार से पांच महीने पहले ई-चालान वेबसाइट पर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) की व्यवस्था कर दी थी। शाने आलम ने बड़ी चालाकी से अपना एक मोबाइल नंबर जनपद की आईडी के साथ लगा दिया। जिससे आईडी खोलेने पर ओटीपी इस नंबर पर प्राप्त हो सके। इसके बाद किसी भी जनपद की पुलिस व न्यायालय के ई-चालान की धनराशि को कम करने या चालान डिलिट कर गैंग बनाकर अवैध धन अर्जित करता था।