लखनऊ। कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की आतंकी फंडिंग व अन्य गतिविधियों पर मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) समेत राज्य की सुरक्षा एजेंसियों ने फिर हमला बोला। प्रदेश के 26 जिलों में मारे गए छापों में 57 संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है।
एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि पीएफआइ और उसके अनुसांगिक संगठनों के देश के विभिन्न स्थानों पर हिंसा के बाद इस संगठन की बढ़ती राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को देखते हुए प्रदेश में एसटीएफ तथा एटीएस ने जिलों की पुलिस के साथ मिलकर इनके खिलाफ मंगलवार को बड़ा अभियान चलाया। प्रशांत कुमार ने बताया कि प्रदेश के 26 जिलों में पीएफआइ के पदाधिकारियों तथा सदस्यों के ठिकानों पर छापा मारा गया। इन छापों में 57 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इसके साथ ही मौके से मिले कई अभिलेखों तथा साक्ष्यों को जब्त किया गया है। अब इन सभी का विशलेषण भी किया जाएगा।
प्रदेश में चलाए गए साझा आपरेशन में लखनऊ से सात, बाराबंकी से चार, सीतापुर से चार, अयोध्या से दो और सुलतानपुर से एक पीएफआई कार्यकर्ता को हिरासत में लिया गया है। गोण्डा में पांच संदिग्धों से पूछताछ हो रही है। अयोध्या के बीकापुर कोतवाली क्षेत्र स्थित कल्याणपुर चकडुहिया मजरे कूढ़ा गांव में एटीएस ने स्थानीय पुलिस को लेकर सोमवार को रात में छापा मारा।
इस दौरान दो सगे भाइयों को हिरासत में लिया गया। गिरफ्तार संदिग्धों में 25 वर्षीय मोहम्मद अकरम व 20 वर्षीय मोहम्मद बुफरान शामिल हैं। सीतापुर के खैराबाद, रामपुरकलां और महमूदाबाद में हुई छापेमारी के दौरान चार व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया और मोबाइल जब्त किए गए।
ध्वस्त किया जाएगा पीएफआइ का नेटवर्क
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि पीएफआइ के नेटवर्क को देश में पूरी तरह से ध्वस्त किया जा रहा है। इसको लेकर पूरे प्रदेश में सतर्कता बढ़ा दी गई है। काफी लोग सर्विलांस पर हैं। हम किसी भी स्थिति में प्रदेश में किसी भी प्रकार की गैर कानूनी गतिविधियों को अनुमति नहीं देंगे। हम तो हर स्तर पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।