बहराइच। जिले के अंतिम रेलवे स्टेशन नेपालगंज रोड का नाम बदलकर कर रुपईडीहा रेलवे स्टेशन किया जाएगा। बहराइच सांसद अक्षयबर लाल गोंड ने कहा है कि नेपालगंज नाम से भ्रम होता है, इसके लिए रेल मंत्रालय को पत्र लिखा गया है।
शहर के छावनी स्थित थोक कपड़ा कमेटी अतिथि भवन में उद्योग व्यापार मंडल की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में सांसद ने कहा कि भारतीय क्षेत्र के रुपईडीहा कस्बे से सटे नेपाली शहर का नाम नेपालगंज है। भारतीय क्षेत्र के सीमावर्ती रेलवे स्टेशन का नाम पड़ोसी राष्ट्र के नेपालगंज शहर के नाम पर होने के कारण भ्रम की स्थिति बनी रहती है। रुपईडीहा कस्बा निवासियों की ओर से नाम बदलने की मांग को लेकर केंद्रीय रेल मंत्रालय को उन्होंने पत्र लिखा था। रेल मंत्रालय ने नाम बदलने को राज्य का विषय बताकर इसे यूपी सरकार को अग्रसारित किया है। उत्तर प्रदेश सरकार इसका नाम बदलकर रूपईडीहा करने जा रही है।
सांसद ने कहा कि बहराइच को ब्रह्मा की नगरी कहा जाता है। अयोध्या को विष्णु अर्थात राम की नगरी व बनारस को महेश यानी शिव की नगरी कहा जाता है। ब्रम्हा, विष्णु, महेश के नगरों को जोड़ने वाली ट्रेन 22 तारीख को शुरू की गई है। सांसद ने कहा कि इन उपलब्धियों को आगे बढ़ाने के क्रम में इस ट्रेन में एसी टू टियर व स्लीपर कोच जोडने की मांग रखी गई है जिसे शीघ्र पूरा कराया जाएगा। बहराइच से नेपाल सीमा को जोड़ने वाली बहराइच रुपईडीहा रेल लाइन के आमान परिवर्तन को केंद्र ने सौ करोड़ रुपये जारी किए हैं। जिससे इस मीटरगेज को ब्राडगेज में बदलने का काम भी बहुत जल्द शुरू होने जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बहराइच से लखनऊ के लिए सीधी रेल सेवा नहीं है। इसके लिए रेल मंत्री ने बहराइच से जरवल 65 किलोमीटर नई रेल लाइन बिछाने को सर्वे के आदेश दिए हैं। सांसद ने बताया कि कई दशकों बाद बहराइच व आसपास के इलाकों को रेलवे की ओर से दी जा रही सुविधाओं के लिए रेल मंत्री अश्विन वैष्णव का शहर में अभिनन्दन किया जाएगा। इसके लिए रेल मंत्री से बहराइच आने का समय मांगा गया है।